रांचीः सेक्स वर्करों को किया गया सामाजिक, मानसिक एवं कानूनी रूप से साक्षर के साथ जागरूक
सृजन फाउंडेशन ने डालसा, रांची के सहयोग से सेक्स वर्करों के लिए कार्यशाला का किया आयोजन
रांची : झालसा के निर्देश पर डालसा रांची के मार्गदर्शन में 7 Sep को कचहजरी चौक स्थित होटल राज रेजिडेंसी में ज्वाला शक्ति समूह (सृजन फाउंडेशन) एनजीओ ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार, रांची से समन्वय स्थापित कर सेक्स वर्करों के अधिकारों के संरक्षण को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में लगभग 30 सेक्स वर्करों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर डालसा सचिव कमलेश बेहरा, रिनपास के साईकियाट्रीक डिपार्टमेंट डॉ मनीषा किरण, महिला थाना प्रभारी प्रिया साव, डीसीपीयू से आये प्रोटेक्शन ऑफिसर अलकमा सिकन्दर, निदेशक, श्रीजन फाउंडेशन, एनजीओ, सोपन मन्ना एवं इस एनजीओ के एक्टिव कार्यकर्ता पूष्पा शर्मा, एलएडीसीएस अधिवक्ता, राजेश कुमार सिन्हा, सदस्य, बाल कल्याण समिति अंशुमाला कर्ण, विनय कुमार श्यामा एवं अन्य, पैनल अधिवक्ता, सोशन नाग, ममता कुमारी, आरती ललन गुप्ता, उर्मिला रोशन एक्का, पुष्पावति कुमारी एवं पीएलवी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते कमलेश बेहरा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और माननीय सर्वोच्च न्यायालय, भारत के द्वारा बुद्धदेव कर्मास्कर बनाम यूनियम ऑफ इंडिया में दिये गये आदेश पर चर्चा करने की बातें कही। सदस्य बाल कल्याण समिति रांची, अंशुमाला कर्ण ने कहा कि यौनकर्मी ऐसे सदस्य, जो अपने बच्चों का भरण-पोषण नहीं कर पा रहे है और अच्छी शिक्षा नहीं दे पा रहे है, सीडब्ल्यूसी से सम्पर्क कर स्पॉनसरशिप योजना का लाभ ले सकते है।
साईकियाट्रीक, रिनपास, डॉ मनिषा किरण ने अपने संबोधन में कहा कि शारीरिक रोग होने से उसका पता लगाया जा सकता है, लेकिन मानसिक रोग का आसानी से पता नहीं लगाया जा सकता, जिसके लिए रिनपास सदैव कार्यरत है और काउंसेलिंग के माध्यम से बीमारी का पता लगाया जा सकता है और उसका समाधान भी किया जा सकता है एवं सभी सेक्स वर्करों के साथ अपना हेल्पलाईन नम्बर साझा किया और फोन पर भी काउंसेलिंग की उपलब्धता के बारे में बताया। सृजन फाउंडेशन की एक्टिव कार्यकर्ता पुष्पा शर्मा द्वारा रांची में रह रहे सेक्स वर्करों के लिए किये गये कार्य का चर्चा किया किया गया सेक्स वर्करों के लिए आधार कार्ड, वॉटर आई.डी. कार्ड, स्पॉंसर स्कीम, सेक्स वर्करों के बच्चों को आवासीय विद्यालय में दाखिला से संबंधित एवं सेक्स वर्करों के अधिकारों के संरक्षण हेतु लिये गये कदमों की विस्तृत जानकारी दी।
महिला थाना प्रभारी, प्रिया साव ने कहा कि नये कानून में महिलाओं को अनेक अधिकार दिये गये है। नये कानून में जो बदलाव किया गया है, उसके अंतर्गत आप किसी भी जिला या राज्य से एफ.आई.आर. दर्ज करवा सकते है, जिसको जीरो एफ.आई.आर. कहते है, जो संबंधित घटनास्थल के थाना में भेज दिया जाता है। अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने सेक्स वर्करों से कहा कि अगर किसी तरह की अत्याचार होता है, तो महिला थाना आपके मदद को तत्पर है एवं उन्होंने अपना हेल्पलाईन नम्बर भी साझा किया और नाम गुप्त रख कर कानूनी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
एलएडीसीएस अधिवक्ता राजेश कुमार सिन्हा ने उपस्थित सेक्स वर्करों को उनके अधिकारों के बारे में विस्तार से बताया और संविधान के द्वारा प्रदत्त आर्टिकल में दिये गये व्यवसाय के अधिकार तथा मानव गरिमा के साथ जीने का अधिकार और कानून में समानता का अधिकार के संबंध में वहां पर उपस्थित सेक्स वर्करों को जानकारी प्रदान किये।