फेसबुक पर दोस्ती कर बनाया शारीरिक संबंध, गवाही देने कोई नहीं पहुंचा कोर्ट, आरोपी बरी
अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने फेसबुक के जरिए एक महिला से दोस्ती करने के बाद शारीरिक संबंध बनाकर शादी से मुकरने के आरोपी मनोहर पासवान को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। अदालत ने मामले में गवाहों को कोर्ट में लाने के लिए रांची एसएसपी और डीजीपी तक को पत्र लिखा था। लेकिन कोई भी गवाह कोर्ट नहीं पहुंचा। इसके बाद अदालत ने आरोपी को बरी कर दिया।
अदातल ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में किसी की गवाही नहीं हुई है। ऐसे में कोर्ट के पास अभियुक्त को बरी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। अभियुक्त पर 16 मार्च 2022 को आरोप गठित किया गया था। मामले में 16 जनवरी को गवाहों को समन जारी किया गया। जब कोई कोर्ट नहीं पहुंचा तो गवाहों के खिलाफ अगस्त 2023 को जमानतीय वारंट जारी किया गया। फिर रांची एसएसपी और डीजीपी को पत्र लिखकर गवाहों की कोर्ट में उपस्थिति सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। लेकिन कोई गवाह कोर्ट में नहीं पहुंचा।
इस मामले में पीड़िता ने गोंदा थाना में 10 अगस्त 2020 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया है कि आरोपी मनोहर पासवान ने मोबाइल के जरिए उससे संपर्क किया और उससे शादी करने का प्रस्ताव रखा। महिला ने उसे बताया कि वह पहले से ही शादीशुदा है। वह अपने बच्चों के साथ अपने पति से अलग रह रही है। जिस पर आरोपी को कोई आपत्ति नहीं थी और वह फेसबुक और वाट्सएप के जरिए उससे संपर्क करता रहा।
26 मई 2020 को आरोपी मनोहर पासवान उसके घर पहुंचा और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया। इसके बाद उसकी मांग में सिंदूर लगाते हुए उसे वादा किया कि वह उससे शादी करेगा। लेकिन बाद में शादी करने से इन्कार कर दिया। जांच के बाद अनुसंधान अधिकारी ने आरोपी मनोहर पासवान के खिलाफ 30 नवंबर 2020 को कोर्ट में आरोप पत्र प्रस्तुत किया।
इस पर कोर्ट ने मनोहर पासवान के विरुद्ध संज्ञान लिया गया। बहस के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि अभियुक्त के विरुद्ध कोई साक्ष्य नहीं है। ऐसे में उसे बरी किया जाए। कोर्ट ने अभियोजन की ओर से कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करने पर आरोपी को बरी करने का आदेश दिया।