EX CM मधु कोड़ा के मामले में ट्रायल पर रोक, हाई कोर्ट ने ईडी से पूछा- कैसे लगाया 3 हजार करोड़ का आरोप

Jharkhand High Court News: झारखंड हाई कोर्ट से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को बड़ी राहत मिली है। जस्टिस संजय प्रसाद की अदालत ने कोड़ा के खिलाफ ईडी की विशेष अदालत में चल रहे ट्रायल पर रोक लगा दी है।

अदालत ने इस मामले में निचली अदालत के रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि जब यह मामला निष्पादित नहीं हो जाता है, तब निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक रहेगी।

निचली अदालत के रिकॉर्ड की कॉपी कोर्ट में प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है। इस दौरान अदालत ने ईडी से जवाब मांगा है। अदालत ने पूछा है कि जब कोड़ा के खिलाफ 3000 करोड़ के मनी लांड्रिंग का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दाखिल किया है। उसका क्या आधार है। कोड़ा कहा-कहां संपत्ति अर्जित की है। ईडी इसको स्पष्ट करे। 

मधु कोड़ा पर आरोप गठन सही नहीं

इससे पहले मधु कोड़ा की ओर सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे और विनय प्रकाश ने अदालत को बताया कि मधु कोड़ा पर मनगढ़ंत आरोप गठित किया गया है। मधु कोड़ा के खिलाफ ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट में 3000 करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग बताई गई है। लेकिन ये पैसे कहां से आए, इस बारे में नहीं बताया गया है।

सीबीआई ने भी मधु कोड़ा के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है उसमें 20 करोड़ की गड़बड़ी का आरोप है। ऐसे में ईडी ने कैसे मधु कोड़ा के खिलाफ 3000 करोड़ का मनी लांड्रिंग का मामला बताया है। चार्ज फ्रेम करते समय निचली अदालत को प्रोसिड आफ क्राइम के आधार पर आरोप गठन करना चाहिए।

मधु कोड़ा ने याचिका दायर कर निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने का आग्रह किया है। सुनवाई के दौरान मधु कोड़ा की ओर से कहा गया कि मनी लाउंड्रिंग के मामले में ईडी ने इस मामले के सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। आरोप पत्र दाखिल करने के बाद भी कई आरोपी फरार चल रहे हैं।

आरोप गठन के समय ईडी ने आरोपियों को अलग अलग कर दिया। मधु कोड़ा समेत जितने आरोपी कोर्ट में हाजिर हो रहे थे उनके खिलाफ आरोप गठन की कार्यवाही के लिए ईडी ने आवेदन दिया जबकि जो आरोपी फरार हो रहे थे उन्हें आरोप गठन से अलग कर दिया।

गायब रहने वाले आरोपियों को एपियरेंस के दायरे में रखा गया। ईडी की यह कार्यवाही गलत है। नियमों के अनुसार ईडी को सभी आरोपियों पर एक साथ आरोप गठन की कार्यवाही करनी थी। इसलिए उनके खिलाफ ईडी की विशेष अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगायी जाए।

सुनवाई के बाद अदालत ने ईडी कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी और निचली अदालत के रिकॉर्ड कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया। ईडी ने मधु कोड़ा एवं अन्य पर तीन हजार करोड़ की मनी लांड्रिंग का मामला वर्ष 2009 में दर्ज किया है।

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