एसआई रूपा तिर्की मौत मामले में हाईकोर्ट से कहा- पुलिस पर भरोसा नहीं, मामले की जांच सीबीआई को दें

Ranchi: (SI Roopa Tirkey death) झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में साहिबगंज की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत मामले की सीबीआई जांच को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। इसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 13 अगस्त की तिथि निर्धारित की है।

इस मामले में रूपा तिर्की के पिता देवानंद उरांव ने सीबीआई जांच के लिए याचिका दाखिल की है।देवानंद उरांव की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने अदालत को बताया कि उनकी पुत्री की हत्या की गई है। पुलिस इसे प्रेम प्रसंग का मामला बता आत्महत्या का रंग दे रही है।

उनकी बेटी रूपा तिर्की का जिन परिस्थितियों में शव मिला था उससे प्रतीत होता है कि वह आत्महत्या नहीं है। पुलिस ने भी रूपा की मौत के बाद उन्हें समय पर सूचना नहीं दी और जब पुलिस अधिकारियों से सवाल किया गया तो उन्होंने ठोस जवाब नहीं दिया।

अदालत को बताया गया कि साहिबगंज में पंकज मिश्रा नामक एक राजनीतिक रसूख वाले व्यक्ति पर संदेह है। रूपा की मौत के बाद सरकार ने जिस डीएसपी के नेतृत्व में एसआइटी बनाई है। उससे पंकज मिश्रा की कई बार मोबाइल से बात हुई है।

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अदालत में पंकज मिश्रा का कॉल डिटेल पेश करते हुए कहा कि एसपी, डीसी और डीएसपी से उसकी लगातार बात हुई है। बताया गया कि रूपा तिर्की पंकज मिश्रा के पिता से जुड़े और दूसरे अन्य महत्वपूर्ण मामलों की जांच कर रही थी। इस कारण उनकी हत्या की साजिश रची गई।

इस मामले में पंकज मिश्रा और कुछ पुलिस वाले भी शामिल हैं। इसलिए इस मामले में पुलिस जांच पर उन्हें भरोसा नहीं है और मामले को सीबीआइ को सौंप देना चाहिए। इस दौरान वरीय अधिवक्ता आरएस मजूमदार की ओर से हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर उनका पक्ष सुनने का भी आग्रह किया गया।

लेकिन सरकार की ओर से हस्तक्षेप याचिका का विरोध किया गया।महाधिवक्ता राजीव रंजन ने इन आरोपों को गलत बताया और कहा कि रूपा तिर्की ने आत्महत्या की है और पुलिस अनुसंधान में यह बात सामने आयी है। रूपा के कॉल डिटेल और मैसेज से भी यह प्रमाणित हुआ है कि उसका एक एएसआइ से प्रेम प्रसंग चल रहा था।

रूपा के मैसेज से भी आत्महत्या की बात सामने आई है। महाधिवक्ता ने कहा कि रूपा की मौत की जांच के लिए सरकार ने कमीशन ऑफ इंक्वायरी गठित की है। रिटायर चीफ जस्टिस बीके गुप्ता इसकी जांच कर रहे हैं। कोई भी इस मौत के मामले से जुड़ी जानकारी कमीशन को दे सकता है। समयाभाव के कारण सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। इसके बाद अदालत ने 13 अगस्त को सुनवाई निर्धारित की।

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