CET Mains Exam: हरियाणा में सीईटी मेन्स पर हाईकोर्ट की रोक, आज नहीं होगी परीक्षा, HC करेगा सुनवाई
चंढ़ीगढ़ः हरियाणा में विभिन्न पदों के लिए शनिवार व रविवार को होने वाली मुख्य संयुक्त पात्रता परीक्षा (सीईटी मेन्स) पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की एकल बेंच ने रोक लगा दी है।
अदालत ने सरकार को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की मेरिट सूची को रद्द कर नई सूची बनाने और उसी के आधार पर परीक्षा कराने का आदेश दिया है।
इस आदेश के खिलाफ सरकार ने देर रात हाईकोर्ट की डिवीजन में अपील दायर कर दी है। शनिवार सुबह आठ बजे डिवीजन बेंच इस पर सुनवाई करेगी।
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हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने शनिवार को होने वाली सीईटी मेन्स परीक्षा को स्थगित कर दिया, जबकि रविवार की परीक्षा को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है।
इससे पहले शुक्रवार दोपहर से हाईकोर्ट के सीईटी मेन्स परीक्षा पर रोक लगाने की खबर मिलने के बाद से ही करीब 61 हजार अभ्यर्थी परीक्षा को लेकर असमंजस में बने रहे और रात तक परेशान होते रहे।
एडवोकेट रजत मोर ने विभिन्न याचिकाओं के माध्यम से हाईकोर्ट की एकल बेंच को बताया कि ग्रुप सी व डी के विभिन्न पदों को भरने के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने पहले प्रारंभिक परीक्षा ली।
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उसके बाद मेरिट में आने वालों को मुख्य परीक्षा के लिए चयनित किया। मेरिट सूची तैयार करते हुए सामाजिक व आर्थिक आधार पर मिलने वाले अंकों को भी शामिल किया गया है।
यह अंक देते हुए आयोग ने दस्तावेजों की जांच तक नहीं की कि दावा करने वालों के दस्तावेजों में कितनी सच्चाई है। याची पक्ष की दलीलों से सहमत होकर कोर्ट ने सीईटी मेन्स पर रोक लगा दी।
कोर्ट ने आदेश में कहा कि सरकार ने पदों के गुणांक में आवेदकों को मुख्य परीक्षा के लिए चुना है। ऐसे में यदि बाद में दस्तावेजों की जांच की जाती है और कोई आवेदक अयोग्य पाया जाता है तो मेरिट से बाहर होने वाले उस आवेदक के साथ अन्याय होगा, जिसे अयोग्य आवेदक के कारण परीक्षा देने का मौका नहीं मिल सका।
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ऐसे में पहले दस्तावेजों की जांच की जाए और पात्र आवेदकों को ही अंक मिले हैं, यह सुनिश्चित करने के बाद मेरिट सूची तैयार की जाए।
साथ ही यह भी कहा कि कर्मचारी चयन आयोग ने कॉमन मेरिट सूची तैयार की है जबकि यह सूची श्रेणी के अनुसार तैयार की जानी चाहिए थी, ताकि आवेदक को पता चल सके कि उस श्रेणी में उसका मुकाबला किससे है।
रात तक सरकार करती रही इंतजार
सीईटी मेन्स परीक्षा रद्द करने के आदेश के चलते सरकार व आयोग रात तक आदेश की प्रति की प्रतीक्षा करते रहे ताकि इसके खिलाफ अपील दाखिल की जा सके और शुक्रवार रात को ही सुनवाई हो जाए।
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सरकार ने यह तर्क
सरकार ने दलील दी कि परीक्षा के लिए रोल नंबर जारी किए जा चुके हैं और इसके लिए दूरदराज के क्षेत्रों से भी परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र पर पहुंचना था।
ऐसे में ज्यादातर परीक्षार्थी शुक्रवार को ही इन केंद्रों के लिए निकल चुके हैं। परीक्षा को रद्द करना सही नहीं है और एकल बेंच के आदेश को खारिज किया जाए।
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सीईटी मेन्स परीक्षा को लेकर दिनभर की हलचल
- दोपहर 12:00 बजे हाईकोर्ट ने कर्मचारी चयन आयोग की योग्यता सूची को रद्द किया और सरकार को नई योग्यता सूची के आधार पर सीईटी करने का आदेश दिया।
- शाम 5:00 बजे सरकार ने एकल बेंच के आदेश को चुनौती देने के लिए डिविजन बैंक में अपील दायर करने का निर्णय लिया।
- शाम 6:00 बजे से रात 10:30 बजे तक सरकार एकल बेंच के आदेश के इंतजार की कॉपी का इंतजार किया।
- रात 10:30 बजे एकल बेंच के आदेश की कॉपी आने के बाद सरकार ने डिविजन बेंच में अपील दायर कर सुनवाई का आग्रह किया।