जमीन घोटालाः कारोबारी विष्णु अग्रवाल से फिर तीन दिन पूछताछ करेगी ईडी, कोर्ट से मिली अनुमति
Ranchi: चेशायर होम रोड के एक एकड़ जमीन फर्जीवाड़े में गिरफ्तार कारोबारी विष्णु अग्रवाल से ईडी तीन दिन रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।
इससे पहले ईडी को विष्णु अग्रवाल से पूछताछ के लिए पांच दिन की अनुमति मिली थी। शुक्रवार को विष्णु अग्रवाल को कोर्ट में पेश किया गया था।
ईडी की ओर से कोर्ट में आवेदन देकर कहा गया कि जमीन घोटाला मामले में विष्णु अग्रवाल से आगे की पूछताछ बाकी है। इसलिए फिर से रिमांड की अनुमति प्रदान की जाए।
इसे भी पढ़ेंः जमीन घोटालाः सत्ता का करीबी प्रेम प्रकाश गिरफ्तार, ईडी को पूछताछ के लिए मिली पांच दिन की रिमांड
तीन दिन रिमांड पर पूछताछ करेगी ईडी
इसके बाद ईडी कोर्ट ने विष्णु से पूछताछ के लिए तीन दिन रिमांड की अनुमति प्रदान की है। तीन दिन की अवधि पूरी होने के बाद विष्णु अग्रवाल को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
इससे पहले ईडी कोर्ट ने ईडी को पांच दिनों की रिमांड अनुमति की थी। ईडी के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि जमीन घोटाला मामले में कारोबारी विष्णु अग्रवाल से पूछताछ की जानी है।
इसलिए उन्हें रिमांड पर पूछताछ के लिए ईडी को अनुमति प्रदान की जाए। हालांकि कारोबारी विष्णु अग्रवाल के अधिवक्ता ने रिमांड पर दिए जाने का विरोध किया।
इसे भी पढ़ेंः लव जिहादः मॉडल का यौनशोषण करने वाले तनवीर को नहीं मिली जमानत
इसके बाद अदालत ने विष्णु अग्रवाल को पांच दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की अनुमति प्रदान की है।
विष्णु अग्रवाल को ईडी ने किया है गिरफ्तार
विष्णु अग्रवाल को मंगलवार को ईडी कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में लेते हुए बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार भेज दिया गया।
ईडी ने जमीन फर्जीवाड़े में सोमवार की देर रात गिरफ्तार किया था। ईडी रिमांड पर लेकर जमीन फर्जीवाड़े मामले में पूछताछ करेगी। इसके लिए ईडी ने आवेदन दिया है।
इसे भी पढ़ेंः सेवानिवृत्त अधिकारी संभाल रहे बिजली के तीन कंपनियों की कमान, दक्ष की नियुक्ति को लेकर हाई कोर्ट में याचिका
इस मामले में इससे पूर्व जमीन का फर्जी मालिक गंगाधर राय के पोते राजेश राय और अटॉर्नी होल्डर भरत प्रसाद की गिरफ्तार हो चुकी है। दोनों आरोपियों से ईडी ने पूछताछ कर चुकी है।
ईडी ने बड़गाई अंचल कार्यालय और कोलकाता स्थित रजिस्ट्री कार्यालय में सर्वे करने के बाद जमीन(खाता-37, प्लॉट 28, रकबा एक एकड़, ,वर्ष 1933) संबंधित दस्तावेज जब्त किया गया था।
इसे भी पढ़ेंः मैनहर्ट घोटालाः हाई कोर्ट ने कहा- एसीबी जांच के तथ्यों को छुपा रही, एसपी को किया तलब
इसकी जांच गुजरात स्थित फॉरेंसिक लैब भेजा गया था। जहां जांच में जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ करने, पहले की लिखावट को मिटा कर उसकी जगह दूसरे तथ्यों को जोड़ने की पुष्टी की गई।
बता दें कि जमीन की खरीद-बिक्री मामले में यह तीसरी गिरफ्तारी है। जबकि जालसाजी के मामले में यह 13वीं गिरफ्तारी है। जमीन फर्जीवाड़े में ही रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन भी जेल में है।