मैनहर्ट घोटालाः हाई कोर्ट ने कहा- एसीबी जांच के तथ्यों को छुपा रही, एसपी को किया तलब
Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में मैनहार्ट मामले में सरकार की ओर से पेश की गई रिपोर्ट की लिखावट अस्पष्ट रहने पर कड़ी नाराजगी जताई है। अदालत ने इस मामले में एसीबी के एसपी को 17 अगस्त को अदालत में सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया है।
अदालत ने रिपोर्ट देखने के बाद टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रथम द्रष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है कि एसीबी के एसपी कोर्ट से कुछ छिपा रहे हैं। उन्होंने ऐसे दस्तावेज पेश किए हैं जो पढ़ा नहीं जा रहा है। न तो कोर्ट, न कोर्ट का कर्मचारी और यहां तक की सरकार का बचाव करने वाले अधिवक्ता भी उसे पढ़ नहीं पा रहे हैं।
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रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख भी नहीं किया गया है कि कोर्ट के निर्देश के बाद अब तक जवाब क्यों नहीं दाखिल किया गया और मामले की पीई रिपोर्ट भी क्यों संलग्न नहीं की गयी है। अदालत ने 17 अगस्त को एसपी को हाजिर होकर सभी बातों की जानकारी देने को कहा।
मैनहर्ट के खिलाफ एसीबी ने दर्ज की पीई
विधायक सरयू राय ने मैनहर्ट मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो में दर्ज पीई (प्रारंभिक जांच) की रिपोर्ट अब तक नहीं आने और एफआईआर दर्ज नहीं होने को लेकर याचिका दायर की है।
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जबकि अदालत ने 18 जुलाई 2023 को सरकार को जवाब देने और इस मामले में दर्ज पीई हाईकोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया था। पिछली सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा था कि जांच चल रही है।
वहीं, एसीबी का कहना था कि इस मामले में आगे की जांच के लिए सरकार से कानूनी सलाह मांगी गई है। प्रार्थी का दावा था कि एक साल पहले ही सलाह मांगी गई, जो अब तक नहीं मिली है।
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सरयू राय ने मैनहर्ट को रांची में सीवरेज ड्रेनेज के संबंध में परामर्श एवं अन्य कार्य दिए जाने में 21 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है। मामले को उन्होंने झारखंड विधानसभा में उठाया था।
जिसके बाद राज्य सरकार के निर्देश के बाद दिसंबर 2020 में एसीबी में पीई दर्ज की गई थी। लेकिन उसकी रिपोर्ट अब तक प्राप्त नहीं होने पर सरयू राय ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
उनकी ओर से कहा गया है कि ढाई साल बीतने के बाद भी मैनहर्ट घोटाला मामले में पीई में क्या आया यह अब तक पता नहीं चला है।
आदेश की प्रति यहां उपलब्ध है।