पूर्व विधायक संजीव सिंह ने अवैध तरीके से जेल में रखने का हवाला देकर सरकार से मांगा पचास लाख का मुआवजा
Ranchi: Former MLA Sanjeev Singh, Jharkhand High court झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर दुमका केंद्रीय कारा में अवैध रूप से रखने के लिए राज्य सरकार से पचास लाख रुपये का मुआवजा मांगा है। यह याचिका उनके अधिवक्ता चंचल जैन ने दाखिल की है।
चंचल जैन ने बताया कि याचिका में कानूनी प्रवाधानों, सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट के उन आदेशों का हवाला दिया गया है, जिसमें विचाराधीन कैदी को संबंधित अदालत से अनुमति मिलने के बाद ही दूसरी जेल में स्थानांतरित किया जा सकता है।
लेकिन राज्य के अधिकारियों ने बिना निचली कोर्ट की अनुमति के ही संजीव सिंह को धनबाद जेल से दुमका केंद्रीय कारा भेज दिया। संजीव सिंह को 21 फरवरी 2020 को सरकार के आदेश पर धनबाद से दुमका जेल भेज दिया गया।
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इसके लिए निचली अदालत से अनुमति नहीं ली गई है। सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है सीआरपीसी की धारा 309 के प्रविधानों के तहत विचाराधीन कैदी को संबंधित जिले की जेल में रखा जाता हैं। क्योंकि समय-समय पर न्यायालय में उसकी उपस्थित दर्ज होती है।
ऐसे में बिना निचली कोर्ट की अनुमति के विचाराधीन कैदी को किसी स्थान या जेल में नहीं भेजा जा सकता है। दुमका जेल भेजने के सरकार के आदेश के खिलाफ संजीव सिंह ने धनबाद की निचली कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
निचली अदालत ने सरकार के अधिकारियों को आदेश दिया था कि वादी को तत्काल धनबाद जेल वापस लाया जाए। लेकिन उक्त आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। 21 फरवरी 2020 से अब तक की अवधि में उन्हें दुमका जेल में रखा जाना अवैध व गैरकानूनी है।
वहीं, संविधान की धारा 21 में निहित वादी के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। ऐसी स्थिति में दुमका जेल भेजने को अवैध घोषित करते हुए उन्हें पचास लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश पारित करने का आग्रह अदालत से किया गया है।