स्कूल फीसः वार्षिक फीस लेने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का रोक लगाने से इन्कार
New Delhi: School Fees, Supreme Court सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निजी और गैर सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के विद्यार्थियों से वार्षिक एवं विकास शुल्क लेने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार की हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दो याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी। 31 मई के हाईकोर्ट के फैसले को केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एकलपीठ के फैसले के खिलाफ अपील दिल्ली हाईकोर्ट में एक खंडपीठ के सामने लंबित है और दिल्ली सरकार ने वहां अपनी आपत्ति दर्ज कराई है ऐसे में अंतरिम आदेश देने का कोई कारण नहीं है।
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अदालत ने दिल्ली सरकार से कहा है कि सभी दलीलों को हाईकोर्ट के समक्ष उठाए।31 मई को कोरोना के दौरान निजी स्कूलों के छात्रों से वार्षिक और विकास शुल्क वसूलने पर रोक लगाने के दिल्ली सरकार के दो अलग-अलग आदेशें को हाईकोर्ट ने रद कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने अब मामले को खारिज कर दिया है और सरकार से 12 जुलाई को हाईकोर्ट की खंडपीठ के समक्ष सभी मुद्दों को उठाने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में जस्टिस खानविकर ने कहा कि यह देखते हुए कि खंडपीठ 12 जुलाई को मामले की सुनवाई कर रही है।
सभी तर्क खुले रहते हैं और खंडपीठ के समक्ष याचिका को खारिज करना मामले की योग्यता पर प्रतिबिंबित नहीं करता है। अदालत ने कहा कि अपील का खारिज होना, इस मामले के गुण-दोष की अभिव्यक्ति नहीं है।