Terror Funding टेरर फंडिंग के मामले झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान NIA एनआईए ने कहा कि इस मामले में निचली अदालत द्वारा लिया गया संज्ञान सही है, क्योंकि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, जिसके आधार पर एनआईए कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी गई है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत टेरर फंडिंग के आरोपियों महेश, विनीत व अमित अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई कर रही है।
हालांकि इस मामले में अभी कोर्ट में बहस पूरी नहीं हो पाई है। इसके बाद अदालत ने 26 नवंबर की तिथि निर्धारित की है। हालांकि इस दौरान आरोपियों की अंतरिम राहत बरकरार रहेगी। दरअसल, पूर्व में कोर्ट ने इनके खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। इससे पहले एनआईए के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ निचली अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है।
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इस पर एनआई कोर्ट द्वारा लिया गया संज्ञान सही है, क्योंकि इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत है। एनआईए के पास दस्तावेज साक्ष्य भी हैं। करीब पांच घंटे तक चली सुनवाई के दौरान एनआईए ने कहा कि इनके खिलाफ चार्जशीट में जो बातें कही गई है, वह पूरी तरह से सही हैं। ऐसे में उनका कहा जाना कि वे इस मामले में पीड़ित हैं। वह पूरी तरह से गलत है।
इस मामले में आरोपियों की ओर से कहा गया है कि वे इस मामले में पीड़ित हैं, लेकिन एनआइए ने उन्हें आरोपित बना दिया है। गौरतलब है कि टंडवा के आम्रपाली कोल प्रोजेक्ट में शांति समिति के जरिए लेवी की वसूली की जाती थी। इसका कुछ भाग उग्रवादी संगठन टीपीसी को दिया जाता था जिसका इस्तेमाल वे हथियार खरीदने में करते थे। पहले इसकी जांच पुलिस कर रही थी, लेकिन बाद में एनआइए टेकओवर कर लिया।