दिल्ली। झारखंड सरकार के नियोजन नीति के तहत हुए हाई स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई। अदालत ने सरकार के आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले में अगली सुनवाई नवंबर माह के अंतिम सप्ताह में निर्धारित की है। हालांकि कोर्ट ने पूर्व में शिक्षकों के दिए अंतरिम राहत को बरकरार रखा है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें 13 अधिसूचित जिलों में नियुक्त हुए 8423 शिक्षकों की नियुक्ति को रद कर दिया है। अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई तक इन शिक्षकों को सरकार हटाने की प्रक्रिया नहीं करेगी। गुरुवार को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से समय मांगा गया जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
गौरतलब है कि हाई कोर्ट की वृहद पीठ ने झारखंड सरकार की नियोजन नीति को असंवैधानिक घोषित कर दिया और 13 अधिसूचित जिलों में नियुक्ति को रद करते हुए दोबारा नियुक्ति करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि किसी भी हाल में किसी पद को सौ फीसदी आरक्षित नहीं किया जा सकता है। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ शिक्षक सत्यजीत कुमार व नीरज कुमार ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दाखिल की है।
14 अक्टूबर को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान अदालत ने राज्य सरकार सहित सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था। यहां बता दें कि राज्य सरकार भी हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई है। इसमें नियोजन नीति की अधिसूचना को रद करने को चुनौती दी गई है।