Supreme Court News

सुप्रीम कोर्ट कहा- वकील की साख वंशावली से नहीं, बल्कि बहस की तैयारी से बनती है

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शीर्ष अदालत में प्रतिष्ठा किसी के बेटे या बेटी होने से नहीं बनती है बल्कि यह वकील की क्षमता पर होता है कि उसने बहस की तैयारी कैसे की और कैसी बहस करता है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने स्पष्ट किया कि शीर्ष अदालत के न्यायाधीश अपने सामने पेश होने वाले वकीलों की वंशावली से प्रभावित नहीं होते हैं।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आम धारणा के विपरीत इस अदालत में प्रतिष्ठा इस बात से नहीं बनती कि आप किसके बेटे या बेटी हैं। बल्कि इससे बनती है कि बहस को लेकर आपकी तैयारी कैसी है। उन्होंने कहा कि आप कौन हैं और वकील के रूप में आप कितने तैयार हैं, यह दिखाकर आप न्यायाधीशों का सम्मान हासिल करते हैं।

उन्होंने कहा कि न्यायाधीश हमेशा उन वकीलों को याद रखते हैं जो अच्छी तरह से तैयार होते हैं। वे ऐसे कनिष्ठ वकीलों का सम्मान करते हैं और उन्हें भविष्य में अधिक अवसर प्रदान करते हैं। वे हमेशा युवा वकीलों का सम्मान करते हैं जो अपने मामले के तथ्यों को जानने के लिए अदालत में आते हैं।

इसे भी पढ़ेंः सुप्रीम कोर्ट ने कहा- बिल्डर्स सिर्फ पैसे का रंग या जेल की सजा समझते हैं, रियल एस्टेट फर्म पर लगाया 15 लाख का जुर्माना

शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी तब की जब एक जूनियर वकील ने इस आधार पर स्थगन का अनुरोध किया कि उसके वरिष्ठ वकील दूसरी अदालत में व्यस्त है। पीठ ने मामले को स्थगित करने की बजाए उस युवा वकील को मामले में बहस शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया।

जस्टिस शाह ने युवा वकील से कहा कि आपको कम से कम मामले में बहस शुरू करनी चाहिए। व्यक्ति को कभी भी ‘स्थगन वकील’ नहीं बनना चाहिए। ऐसा नहीं है कि आप अपना करियर ऐसा बनाना चाहते हैं। यदि आप कभी किसी मामले में बहस नहीं करेंगे तो आप वकालत की ‘जादूगरी’ कैसे सीखेंगे।

वहीं, जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम नाराज नहीं हैं लेकिन हम आपको प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहे हैं। हर बार जब आप किसी न्यायाधीश के सामने पेश हों तो किसी मामले पर बहस करने के लिए हमेशा तैयार रहें। न्यायाधीशों के मन में आपके लिए सम्मान होगा और इसी तरह आपकी प्रतिष्ठा वर्षों में बनेगी। इसका अन्य कारकों से कोई लेनादेना नहीं है। उन्होंने युवा वकील से अपना तजुर्बा भी साझा किया।

Rate this post

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Devesh Ananad

देवेश आनंद को पत्रकारिता जगत का 15 सालों का अनुभव है। इन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में काम किया है। अब वह इस वेबसाइट से जुड़े हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker