सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से मांगा डाटाः कितने केस में सजा दिलाने में हुए कामयाब हुई एजेंसी

New Delhi: राजनीतिक दलों के निशाने पर रहने वाली जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाएगा। अब सुप्रीम कोर्ट इस बात का आंकलन करेगी कि आखिर सीबीआई की सफलता दर क्या है। साथ ही इस डेटा का भी मूल्यांकन किया जाएगा कि सीबीआई कुल कितने केस के तार्किक निष्कर्ष यानी लॉजिकल कंक्लूजन पर पहुंची।

खबर के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर को परफॉर्मेंस का पूरा डेटा सौंपने को कहा है। इसके तहत उन्हें ये भी बताना होगा कि कुल कितने केस में जांच एजेंसी आरोपी को ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट में सजा दिलाने में कामयाब रही।

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जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमएम सुद्रेंश की पीठ ने ये भी कहा कि सीबीआई के लिए सिर्फ इतना ही काफी नहीं है कि वो केस दर्ज कर जांच करे, बल्कि उन्हें ये भी सुनिश्चित करना होगा कि दोषी को सजा भी मिले। कई बार ऐसा देखा गया है कि सीबीआई की तरफ से केस फाइल करने में देरी हुई है।

सुप्रीम कोर्ट यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि जांच एजेंसी कितनी सक्षम है। सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील संजय जैन ने जांच एजेंसी का बचाव किया। उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में सिर्फ एडवर्सरियल कानूनी प्रणाली के तहत सीबीआई के काम को नहीं आंका जा सकता है।

लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनके इस तर्क पर आपत्ति जताई और कहा कि दुनिया के सभी देशों में जांच एजेंसी की सफलता दर इसी तरह आंकी जाती है और सीबीआई इससे अलग नहीं है। इसलिए सीबीआई डायरेक्टर को पूरा डेटा देना होगा।

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