रांचीः सेना के कब्जेवाली 455 डिसमिल जमीन फर्जीवाड़े में जेल में बंद निलंबित आईएएस अधिकारी सह रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन को शुक्रवार को जबरदस्त झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने भी छवि रंजन को सेना की जमीन फर्जीवाड़े में जमानत देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी ओर से दाखिल जमानत याचिका सुनवाई पश्चात खारिज कर दी है। जिससे जेल से निकले के मनसूबे पर पानी फिर गया है। कारण चेशायर होम जमीन फर्जीवाड़े में झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। अगर सेना जमीन फर्जीवाड़े में जमानत मिल जाती तो वह जेल से बाहर निकल आते। लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
कहा जाए तो कम से कम पांच से छह महीने और जेल में बीताने के बाद ही आगे बाहर निकलने के बारे में सोच सकेंगे। ऊधर सूत्रों से मिली जानकारी के तहत यह बात सामने आ रही है कि उक्त मामले में छवि रंजन पर आरोप तय कर दिया गया है। साथ ही उक्त मामले में ईडी ने तेजी से सुनवाई प्रारंभ कर दी है। दो गवाहों को भी प्रस्तुत कर चुकी है। अब यहां ईडी को बड़ी चुनौती है कि मामले में अन्य गवाहों को कोर्ट में प्रस्तुत करें। अगर ऐसा हुआ तो उनकी मुश्किलें कम नहीं होगी। यह सब समय ही बताएंगा कि छवि रंजन का क्या होता। यहां बता दें कि छवि रंजन की सेना जमीन फर्जीवाड़े में 4 मई 2023 को गिरफ्तारी हुई थी। तब से वह जेल में ही हैं।