दिल्ली। झारखंड विधानसभा व हाई कोर्ट भवन को निर्माण में पर्यावरण स्वीकृति नहीं लिए जाने के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सुनवाई की। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा आदेश के बाद भी जवाब दाखिल नहीं करने पर एनजीटी ने नाराजगी जताई और कहा कि इस बार मंत्रालय को जवाब दाखिल करने के लिए अंतिम समय दिया जा रहा है। प्राधिकरण ने मंत्रालय को एक माह के अंदर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
इस मामले में पूर्व में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्राधिकरण को बताया था कि विधानसभा व हाई कोर्ट भवन निर्माण से हुए पर्यावरण नुकसान की क्षतिपूर्ति झारखंड सरकार को देनी होगी। वही, राज्य सरकार का कहना था कि उन्होंने निर्माण के बाद पर्यावरण स्वीकृति के लिए मंत्रालय को आवेदन दिया था। इसके बाद प्राधिकरण ने वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से पूछा था कि क्या कोई ऐसा प्रावधान है कि निर्माण के बाद भी मंत्रालय की ओर से पर्यावरण स्वीकृति पर विचार किया जाता है। इस पर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने अपना जवाब दाखिल नहीं किया और एनजीटी से समय देने की गुहार लगाई।
इस मामले में याचिकाकर्ता आरेक सिंह के अनुसार पूर्व में एनजीटी ने राज्य पर्यावरण क्षतिपूर्ति आकलन (सिया) के साथ अन्य की एक कमेटी बनाई थी, जो राज्य के सभी निर्माणों की जांच कर एक रिपोर्ट एनजीटी को देगी। पिछले दिनों सिया ने एनजीटी ऐसे निर्माण की एक सूची एनजीटी को सौंपी भी है। आरके सिंह ने एनजीटी में दाखिल याचिका में कहा है कि विधानसभा व हाई कोर्ट भवन निर्माण में पर्यावरण स्वीकृति नहीं ली गई है।