high court news

OMR शीट भरने में गलती करने वाले को नहीं दे सकते राहत, हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका- JPSC Exam News

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

JPSC Exam News: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की अदालत ने जेपीएससी की ओर से सिविल सेवा के लिए आयोजित परीक्षा की ओएमआर शीट भरने में हुई त्रुटि के मामले में फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि ओएमआर शीट भरने में गलती करने वाले अभ्यर्थी को किसी प्रकार की राहत नहीं दी जा सकती है।

22 जून को मुख्य परीक्षा आयोजित की जानी है। प्रार्थी की ओर से मुख्य परीक्षा में शामिल किए जाने की मांग की गई है। जबकि जेपीएससी यह कहते हुए उसका आवेदन स्वीकार नहीं कर रही है कि प्रार्थी ने ओएमआर शीट में अपना रोल नंबर भरने में गलती की है।

मयंक सिंह ने दाखिल की थी याचिका

इसको लेकर मयंक कुमार सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान कहा गया कि ओएमआर शीट रोल नंबर भरने में त्रुटि हुई है। इसलिए उनका मैनुअल मार्क्स जोड़ा जाए। क्योंकि उन्हें कट आफ मार्क्स से ज्यादा मिला है और वे मुख्य परीक्षा में शामिल हो सकता है।

उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट द्वारा आशीष कुमार भारती के मामले में पारित आदेश का हवाला दिया गया। कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में कहा है कि तकनीकि आधार ओएमआर को खारिज नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से मेरिट प्रभावित होती है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल में भी एक ऐसा ही आदेश पारित किया है कि तकनीकि त्रुटि को इग्नोर करना चाहिए।

JPSC ने कहा- मशीन नहीं कर रही कॉपी रीड

जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने कहा कि प्रार्थी की ओर से जिस आदेश का हवाला दिया जा रहा है वह पुलिस नियुक्ति से संबंधित है। इसमें आवेदन देने में त्रुटि हुई थी। प्रार्थी के मामले में ओएमआर शीट को मशीन रीड नहीं कर रहा था और उसने ही रिजेक्ट किया है।

प्रार्थी ने यह भी कहा गया कि वर्ष 2016 की जेपीएससी परीक्षा में समान मामला सामने आया था। जेपीएससी ने ओएमआर शीट में रोल नंबर की त्रुटि इग्नोर कर दिया था। इसके अलावा वर्ष 2016 में उच्चस्तरीय कमेटी ने एक रेजुलेशन निकाल था। जिसमें कहा गया था कि ओएमआर में त्रुटि होने पर तकनीकि आधार पर किसी को रिजेक्ट नहीं किया जा सकता है।

इस पर जेपीएससी की ओर से कहा गया कि वर्ष 2021 में हुए मामले में त्रुटि को स्कैनिंग मशीन सही माना था। इसमें जेपीएससी का कोई हाथ नहीं है। वही, उसे मामले में प्रतिवादी भी नहीं बनाया गया है। इस बार की नियुक्ति परीक्षा में 2021 की नियमावली लागू है। जिसमें अगर मैनुअल मार्क्स जोड़ा जाएगा, तो यह शर्तों का उल्लंघन होगा। इसके अलावा वर्ष 2016 में हुई त्रुटि के आधार पर किसी अब लाभ नहीं दिया जा सकता है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Devesh Ananad

देवेश आनंद को पत्रकारिता जगत का 15 सालों का अनुभव है। इन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में काम किया है। अब वह इस वेबसाइट से जुड़े हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker