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इलाज के अभाव में महिला की मौत पर हाईकोर्ट सख्तः स्वास्थ्य सचिव से पूछा- राज्य के सरकारी अस्पतालों क्या-क्या है सुविधा

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Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य सचिव को राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों की वर्तमान स्थिति पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने स्वास्थ्य सचिव पूछा है कि राज्य के सरकारी अस्पतालों को कितना अनुदान मिलता है। अस्पतालों में क्या क्या सुविधाएं हैं। अस्पतालों में कितने चिकित्सक हैं और कितने पद रिक्त हैं। चार सप्ताह में पूरी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

अदालत ने एमजीएम अस्पताल में इलाज के अभाव में फरवरी में एक महिला की मौत की जांच करने का निर्देश दिया है। इस मामले में अदालत ने चार सप्ताह में रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है। अदालत ने सरकार पूछा है कि महिला कब भर्ती हुई थी। कब से उसका इलाज शुरु किया गया। इलाज समुचित तरीके से किया गया या नहीं। एक पत्र पर स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने यह निर्देश दिया।

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सुनवाई के दौरान राज्य के स्वास्थ्य सचिव और एमजीएम के निदेशक भी कोर्ट में मौजूद थे। एमजीएम अस्पताल में इस साल फरवरी में एक महिला जली हुई हालत में लाई गई थी। लेकिन उसका इलाज समय पर नहीं हुआ और उसकी मौत हो गई। इसको लेकर अधिवक्ता अनूप अग्रवाल ने हाईकोर्ट को पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया था कि महिला 14 फरवरी को अस्पताल में भर्ती हुई थी और 17 फरवरी से इलाज शुरु हुआ था। 18 फरवरी को उसकी मौत हो गई।

पूर्व में इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने झालसा से मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा था। झालसा ने अपनी रिपोर्ट में लापरवाही बरतने की बात कही थी। सरकार की ओर से बताया गया कि एमजीएम के बर्न वार्ड में 20 बेड हैं। जिस दिन महिला को अस्पताल लाया गया, उस दिन बर्न के 24 केस थे। बेड खाली नहीं रहने के कारण उसे तत्काल बर्न वार्ड में भर्ती नहीं कराया जा सका।

इस पर अदालत ने सरकार को विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। दरअसल, जमशेदपुर के आदित्यपुर की रहने वाली एक महिला को उसके पति ने आग लगाकर जला दिया और फरार हो गया। कुछ लोगों ने उसे एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल ने सिर्फ एक बेड देकर इलाज की खानापूर्ति कर दी। 90 फीसदी से अधिक जली इस महिला को बर्न वार्ड में भर्ती नहीं किया गया। इस कारण महिला की मौत हो गई।

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Devesh Ananad

देवेश आनंद को पत्रकारिता जगत का 15 सालों का अनुभव है। इन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में काम किया है। अब वह इस वेबसाइट से जुड़े हैं।

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