हजारीबाग में 230 ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी पर हाईकोर्ट ने कहा- इन्हें कभी माफ नहीं किया जा सकता

Ranchi: Theft of 230 Oxygen Cylinders in Hazaribagh हजारीबाग मेडिकल कॉलेज से 230 ऑक्सीजन सिलेंडर की चोरी को झारखंड हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने सरकार को इसकी पूरी रिपोर्ट अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है।

सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि वर्तमान हालात में कुछ लोग आपदा को अवसर में बदलने का प्रयास कर रहे हैं। दवाओं की कालाबाजारी और ऑक्सीजन सिलेंडर की चोरी अमानवीय है और इसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। एक तरफ लोग ऑक्सीजन की कमी से मर रहे हैं दूसरी तरफ रातोंरात ऑक्सीजन सिलेंडर गायब कर दिए जा रहे हैं।

ऐसे लोगों से सख्ती से पेश आने की जरूरत है। अदालत ने सरकार से पूछा है कि ऑक्सीजन सिलेंडर की चोरी के लिए कौन-कौन जिम्मेवार है और अब तक दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है।
अदालत ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी के मामले पर भी अगले सप्ताह रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। सरकार पूछा है कि कालाबाजारी की जांच अभी कहां तक पहुंची है। सरकार को जांच की प्रगति रिपोर्ट भी पेश करने का निर्देश कोर्ट ने दिया।

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झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार को ग्रामीण इलाके में टीकाकरण और कोरोना जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा है कि गांव के लोग टीका लें यह सुनिश्चित करना सरकार का दायित्व है। सरकार इसके लिए गांवों में जाकर जागरूकता अभियान चलाए। इसके लिए विभिन्न संगठनों का सहयोग ले सकती है। कोरोना के मामले पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने यह निर्देश दिया।

मामले की सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि गांव के लोग टीका नहीं लगा रहे हैं। उनके बीच कई तरह की भ्रांतिया फैलायी गयी है। इस कारण लोग टीका नहीं ले रहे हैं। इस पर अदालत ने कहा कि गांव के लोगों को जागरूक करना जरूरी है। इस काम में झालसा भी सहयोग करेगा। झालसा अपने स्तर से ग्रामीणों को जागरूक कर रहा है।

जिलों में विधिक सेवा प्राधिकार अपने वार रूम से लोगों को मदद दी जा रही है। जिला प्रशासन के साथ समन्वय बना कर काम किया जा सकता है। लोग जागरूक होंगे तो टीका लगाएंगे। इसके लिए सभी को पहल करनी होगी। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि मेडिकल टीम के पहुंचने के बाद गांव के लोग बाहर चले जा रहे हैं। कई स्थानों पर तो मेडिकल टीम के साथ गलत व्यवहार भी किया गया।

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