बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ कार्रवाई करे झारखंड सरकार, हाई कोर्ट में बोली केंद्र सरकार
Jharkhand High Court News: झारखंड हाई कोर्ट में राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ के मामले में केंद्र सरकार ने कहा कि राज्य सरकारों को अधिकार (पावर डेलिगेट) दिए हैं। अब राज्य सरकारों को ऐसे लोगों को चिह्नित कर घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई करनी है।
केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि संथाल सहित झारखंड के अन्य इलाकों में बांग्लादेशी घुसपैठ पर राज्य सरकार को कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को हाई कोर्ट मे में इस आशय की जानकारी दी गई।
इस पर चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने सरकार 13 दिसंबर तक अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया। पूर्व में अदालत ने केंद्र सरकार को बिंदुवार अद्यतन जवाब पेश करने को कहा था। अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा था कि बांग्लादेश से सटे सीमावर्ती इलाके में कैसे बांग्लादेशी घुसपैठ हो रही है। इसे रोकने के लिए क्या किया जा रहा है।
बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ दाखिल है जनहित याचिका
बांग्लदेशी घुसपैठ को लेकर प्रार्थी डानियल दानिश की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि संथाल परगना के वैसे जिले जो बांग्लादेश से सटे हुए उनमें बांग्लादेश के प्रतिबंधित संगठन सुनियोजित योजना के तहत झारखंड के आदिवासियों लड़की से शादी कर उनका धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। इसे रोका जाना अनिवार्य है।
पिछले कुछ वर्षों में संथाल परगना के बांग्लादेशी सीमा से सटे हुए जिलों में अचानक मदरसों में बढ़ोतरी हुई है। अदालत को लगभग 46 मदरसा की सूची भी प्रार्थी ने पेश की है जो नए बने हैं। प्रार्थी ने आरोप लगाया कि इन मदरसों से देश विरोधी कार्य हो रहे हैं। आदिवासी युवतियों का शोषण हो रहा है और घुसपैठिये जमीन पर कब्जा भी कर रहे हैं। अदालत से इसकी जांच कराने का आग्रह याचिका में किया गया है।
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