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हाईकोर्ट ने संगीत शिक्षकों के बकाया वेतन भुगतान का दिया आदेश

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Ranchi: Music Teachers Salary Case झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य के संगीत शिक्षकों के बकाया वेतन के भुगतान का आदेश राज्य सरकार को दिया है। जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने कहा कि प्रार्थी संबंधित विभाग के अधिकारियों के यहां आवेदन देंगे। आवेदन के चार सप्ताह में संगीत शिक्षकों के बकाया वेतन का भुगतान कर दिया जाए।

बुधवार को सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि जेएसएससी ने वर्ष 2016 में संगीत शिक्षकों की नियुक्ति के विज्ञापन निकाला था। नियुक्ति होने के बाद राज्य सरकार ने जून 2020 में उनकी डिग्री को अवैध बताते हुए हटाने के लिए आदेश जारी कर दिया। लेकिन इस पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी। लेकिन उसके बाद से उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है।

इस पर अदालत ने कहा कि जब संगीत शिक्षकों ने काम किया है, तो उन्हें वेतन मिलना चाहिए। इसके बाद अदातल ने प्रार्थियों को विभाग में आवेदन देने और उसके बाद बकाया भुगतान करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है।

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हालांकि अदालत ने संगीत शिक्षकों के हटाने का आदेश पर लगी रोक को बरकरार रखा और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोनी कुमारी से संबंधित केस के निष्पादन पर सुनवाई की तिथि निर्धारित करने का आदेश दिया है। इस मामले में जेएसएससी की ओर से संजय पिपरवाल व प्रिंस कुमार सिंह ने पक्ष रखा।

दरअसल, सोनी कुमारी मामले में हाईकोर्ट की वृहद पीठ ने राज्य सरकार की नियोजन नीति को रद कर दिया। इसके तहत 13 अनुसूचित जिलों में वर्ष 2016 में होने वाली शिक्षक नियुक्ति भी रद हो गई थी। इस आदेश से करीब पांच हजार नियुक्त हुए शिक्षक प्रभावित हुए थे।

इसके बाद प्रभावित शिक्षक और राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट ने पांच हजार शिक्षकों को हटाने पर रोक लगाई है और याचिका सुनवाई के लिए लंबित है। संगीत शिक्षकों की नियुक्ति भी उसी विज्ञापन के तहत हुई थी। इसलिए यह मामला भी सोनी कुमारी केस से प्रभावित है।

इसको लेकर देवराज चटर्जी सहित अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर हटाने के सरकार के आदेश को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि उनकी हाई स्कूल में संगीत शिक्षक पद पर नियुक्ति हो चुकी है। लेकिन सरकार ने प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद और प्राचीन कला केंद्र चंडीगढ़ की डिग्री अमान्य करते हुए उन्हें हटाने का आदेश जारी किया है।

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Devesh Ananad

देवेश आनंद को पत्रकारिता जगत का 15 सालों का अनुभव है। इन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में काम किया है। अब वह इस वेबसाइट से जुड़े हैं।

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