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सुप्रीम कोर्टः रतन हाइट्स बिल्डिंग रेसिडेंशियल सोसाइटी के लिए बड़ी खुशखबरी, जमीन मालिक को सुप्रीम कोर्ट से झटका, हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल एसएलपी खारिज

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सुप्रीम कोर्टः मोरहाबादी स्थित Ratan Hights के जमीन मालिक को सुप्रीम कोर्ट से जबरदस्त झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने जमीन मालिक अशोक कुमार वालमजी परमार एवं अन्य की ओर से झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ एवं एकलपीठ के आदे को चुनौती देने वाली एसएलपी को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के दोनों पीठ के आदेश को सही ठहराते हुए कहा कि यह एसएलपी को सुनने का कोई आधार नहीं बनता है। यह कहते हुए एसएलपी खारिज कर दी गई।

बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट ने मोरहाबादी स्थित रतन हाइट्स का मामले में एकल पीठ के आदेश के खिलाफ बिल्डर वीकेएस रियलिटी और जमीन मालिक की अपील पर तत्कालीन कार्यवाहक मुख्यन्यायाधीश एस चंद्रशेखर व जस्टिस नवनीत कुमार की खंडपीठ ने बिल्डर वीकेएस रियलिटी और जमीन मालिक की अपील खारिज दी। एकल पीठ के आदेश का बरकरार रखा था। इस दोनों आदेश को चुनौती देते हुए जमीन मालिक ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई थी। रतन हाइट्स की ओर से पूर्व में बताया गया था कि मामले में एकल पीठ ने उनके पक्ष में फैसला दिया है, लेकिन बिल्डर एवं जमीन मालिक ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है। एकल पीठ के आदेश के बावजूद भी बिल्डर ने रतन हाइट के बहुमंजिला इमारत के बगल में स्थित गड्ढे को नहीं भरा है। जिससे इस बहुमंजिला इमारत का अस्तित्व खतरे में है। यहां रहने वाले लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

एकल पीठ ने जुलाई 2023 में दिया था आदेश

रतन हाइट्स बिल्डिंग रेसिडेंशियल सोसाइटी की याचिका पर हाई कोर्ट की एकल पीठ ने इस जुलाई 2023 में अपना फैसला सुनाते हुए नगर आयुक्त द्वारा संशोधित नक्शा पास किए जाने के आदेश एवं संशोधित नक्शे को रद कर दिया था। अदालत ने कहा था कि 46 कट्ठा पर जो कॉमन एरिया था और वह कॉमन एरिया ही रहेगा।

अदालत ने जमीन मालिक और बिल्डर वीकेएस रियलिटी को इमारत के पास गड्ढा भरने और यदि उसमें कोई कंस्ट्रक्शन किया है तो उसे हटाने, रिटेनिंग वॉल और उस जमीन को एक माह में सोसाइटी को हैंड ओवर करने का दिया निर्देश दिया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि 86 कट्ठा का नक्शा पास हुआ था वह सही था। उसमें कॉमन एरिया पहले से निर्धारित था। इसलिए 86 कट्ठा में से 46 कट्ठा को अलग कर उसका संशोधित नक्शा पास करना गलत है।

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