रांचीः झारखंड बार काउंसिल के पूर्व चेयरमैन और वरीय अधिवक्ता प्रेमचंद त्रिपाठी का शुक्रवार को अहले सुबह निधन हो गया था। वह बीमार चल रहे थे और शहर के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। अहले सुबह 4.45 बजे उन्होंने अंतिम सांसे ली। वह 78 वर्ष के थे।
पीसी त्रिपाठी का पार्थिव शरीर नामकुम स्थित चटकपुर आवास में लोगों के दर्शन के लिए रखा गया था। शाम में नामकुम के स्वर्णरेखा नदी के किनारे उनका अंतिम संस्कार किया गया। वरीय अधिवक्ता प्रेमचंद त्रिपाठी का जन्म वर्ष 1942 में हुआ था।
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उन्होंने वर्ष 1963 में बिहार स्टेट बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में अपना निबंधन कराया था। अपने 56वर्षो के वकालत काल में कई महत्वपूर्ण मामलों में पैरवी की। पटना उच्च न्यायालय के रांची बेंच के गठन के साथ साथ झारखंड उच्च न्यायालय के गठन में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
पीसी त्रिपाठी आपराधिक और सिविल दोनों मामलों के विशेषज्ञ थे। वे लगभग चार साल तक झारखंड बार काउंसिल के अध्यक्ष के रूप में काम किया। वकीलों की कल्याणकारी योजनाएं लागू कराने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। उनके निधन पर हाईकोर्ट के जजों, वकीलों ने शोक जताया है।
झारखंड हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन धीरज कुमार ने कहा है कि उनके निधन से अपूरणीय क्षत्ति हुई है। झारखंड बार काउंसिल के पूर्व चेयरमैन व वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने भी उनके निधन पर शोक जताया है। बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्णा, मीडिया प्रभारी संजय विद्रोही, बालेश्वर प्रसाद सहित अन्य अधिवक्ताओं ने उनके आवास पर जाकर श्रद्धांजलि दी।