फोरम फॉर फास्ट जस्टिस के बैनर तले न्यायिक सुधार की आवश्यकता पर आयोजित सेमिनार में वक्ताओं ने कहा…
Ranchi: फोरम फॉर फास्ट जस्टिस के तत्वावधान में मंगलवार को न्यायिक सुधार की आवश्यकता विषयक पर प्रेस क्लब में आयोजित सेमिनार में वक्ताओं ने कहा न्यायिक देरी के कारण नागरिकों को समय पर न्याय नहीं मिल पा रहा है। जो कि उनका मौलिक अधिकार है। न्यायिक सुधार के लिए प्रणालीगत सुधार की आवश्यकता है। जैसे की न्यायिक क्षमता बढ़ाना, अदालती प्रक्रियाओं को आधुनिक बनाना एवं कानूनी प्रणाली की दक्षता बढ़ाना है। सेमिनार को पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव, भगवान जी रेयानी, आशीष मेहता, राजेश चौधरी, प्रवीण पटेल, उमाशंकर सिंह, फरजाना फारूकी ने संबोधित किया। कार्यक्रम में डॉक्टर सीता, अधिवक्ता मीना कुमारी, छात्र क्लब ग्रुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव किशोर शर्मा, संरक्षक रोहित कुमार, रेणुका तिवारी, शिवानी वर्मा का विशेष योगदान रहा।
आयोजित सेमिनार में कहा गया कि न्याय में देरी से न केवल वादकारियों पर बोझ पड़ता है, बल्कि मामलों का एक बड़ा हिस्सा लंबित हो जाता है। जिससे समस्याएं और भी बढ़ जाती है। इससे उन लोगों में निराशा, कानून प्रणाली में विश्वास की कमी और न्याय से वंचित होने की स्थिति पैदा हो जाती है। जो अपने अधिकारों की रक्षा और विवादों को सुलझाने के लिए अदालतों पर निर्भर हैं। भारत सरकार ने अभी तक राष्ट्रीय मुकदमा नीति को लागू नहीं किया है जिसकी कल्पना पहली बार 2009 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने की थी।