फर्जी डिग्री विवादः हाईकोर्ट ने पुलिस को दिया निर्देश, सांसद निशिकांत दुबे को बेवजह परेशान न करें
रांचीः Fake Degree Controversy MP Nishikant Dubey झारखंड हाईकोर्ट ने गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के फर्जी डिग्री विवाद मामले में पुलिस को निर्देश दिया है कि वह सांसद को बेवजह परेशान न करे। जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार को अंतिम मौका देते हुए राज्य सरकार और शिकायतकर्ता से जवाब मांगा है।
सांसद निशिकांत दुबे ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर फर्जी डिग्री विवाद मामले में देवघर में दर्ज प्राथमिकी को रद करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुनवाई के दौरान अदालत ने पूर्व में सांसद के दिए गए अंतरिम राहत को बरकरार रखा है।
पूर्व में अदातल ने सांसद के खिलाफ किसी प्रकार की पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाई थी। इसकी अवधि बढ़ाते हुए अदालत ने कहा कि पुलिस इस मामले में सांसद को बेवजह परेशान न करे। सुनवाई के दौरान सांसद प्रशांत पल्लव ने अदालत को बताया कि यह मामला फर्जी आरटीआई से शुरु हुआ।
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उनके खिलाफ विष्णुकांत झा नामक व्यक्ति ने देवघर में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा है कि उनकी एमबीए की डिग्री फर्जी है। 28 जुलाई 2020 को झामुमो के ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर यह बताया गया है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी से जारी उनकी एमबीए की डिग्री फर्जी है। फर्जी डिग्री की पुष्टि दिल्ली यूनिवर्सिटी ने भी की है।
जबकि सांसद निशिकांत दुबे ने पुलिस के पास प्रताप यूनिवर्सिटी, जयपुर से एमबीए करने का प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेज सौंपे हैं। फिर भी इस मामले में पुलिस उन्हें परेशान कर रही है। इसके अलावा फर्जी आरटीआई मामले में गोरखपुर में केस दर्ज कराया गया है।
जहां तक वर्ष 2014 के चुनाव में दाखिल हलफानामें में पीएचडी करने की बात है, तो सांसद ने पीएडी की डिग्री प्राप्त की है, लेकिन भूलवश दिल्ली विश्वविद्यालय लिखा गया है। इस मामले में चुनाव आयोग ने सांसद को क्लीन चिट दी है।
कहा गया कि लगातार इस मामले में सरकार की ओर से अदालत से समय की मांग की जा रही है। जबकि शिकायतकर्ता विष्णुकांत झा पर ही कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और राजनीति से प्रेरित होकर वह जमीन सहित अन्य मामलों में सांसद के खिलाफ शिकायत करता है।