Ranchi: रांची के टैगोर हिल पर स्थित ब्रह्म मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद झारखंड हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि ब्रह्म मंदिर राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के मापदंडों को पूरा नहीं करता है।
केंद्र सरकार ने पहले ही इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने से इनकार कर दिया था। सोमवार को सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
टैगोर हिल के लिए 69.30 लाख रुपये आवंटित
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि पुरातत्व विभाग की मंजूरी के बाद इसके रखरखाव एवं मरम्मत के लिए 69.30 लाख रुपये राज्य सरकार ने स्वीकृत कर दिए हैं।
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पूर्व में केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि टैगोर हिल के ऊपर स्थित ब्रह्म मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित नहीं किया जा सकता है।
राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के मापदंड को यह पूरा नहीं करता है। साथ ही इसमें कलात्मक ऐतिहासिक विशेषताएं भी नहीं है।
इस संबंध में सोसाइटी ऑफ प्रिजर्वेशन ऑफ ट्राइबल कल्चर एंड नेचुरल ब्यूटी ने जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि टैगोर हिल के ऊपर स्थित ब्रह्म मंदिर 113 साल पुराना है।
इसे गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के बड़े भाई ज्योतिरिंद्र नाथ टैगोर ने बनवाया है। ब्रह्म मंदिर जीर्ण शीर्ण अवस्था में पड़ा हुआ है और टूट रहा है। राज्य सरकार द्वारा इसके संरक्षण और देखभाल नहीं किया जा रहा है।
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अदालत से मंदिर को संरक्षित करने केंद्र सरकार के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने का आग्रह अदालत से किया गया है।