New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को गलत तरीके से पेश करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट को सुप्रीम कोर्ट ने फर्जी करार दिया है।
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में एक फाइल तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ का फर्जी बयान लिखा था। लोगों से अधिकारियों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने की अपील की गई थी।
मामला सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट की ओर से एक प्रेस नोट जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि प्रधान न्यायाधीश ने ऐसा कोई पोस्ट जारी नहीं किया है, ना ही उन्होंने इस तरह के किसी पोस्ट को मंजूरी दी है।
प्रेस नोट में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में आया कि सोशल मीडिया पर (लोगों से अधिकारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के अनुरोध वाला) एक पोस्ट प्रसारित किया जा रहा है।
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जिसमें एक फाइल तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए चीफ जस्टिस को गलत तरीके से पेश किया गया है। इसमें साफ तौर पर कहा गया कि यह पोस्ट फर्जी है और गलत इरादे वाला व शरारतपूर्ण है।
प्रेस नोट में आगे कहा गया कि इस मामले में कानून लागू करने वाले प्राधिकारियों के साथ परामर्श कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर हड़कंप
वायरल फर्जी पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर हड़कंप मचा गया था। कई सारे लोग बगैर हकीकत जाने ही इसे शेयर कर रहे थे। पोस्ट पर इस तरह के भी कमेंट आ रहे थे कि यह तो फर्जी लग रहा है।
कई यूजर्स का कहना था कि आखिर सीजेआई ने यह बात कहां कही और कब लोगों से इस तरह की अपील की। बता दें कि वायरल पोस्ट में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए कुछ बातें लिखी थीं।
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जिसमें देश के लोगों से सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की अपील की गई थी। पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया, ‘भारतीय लोकतंत्र सुप्रीम कोर्ट जिंदाबाद।’
वायरल पोस्ट में क्या कहा गया?
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ का हवाला देते हुए इसमें आगे कहा गया, ‘हम भारत के संविधान, भारत के लोकतंत्र को बचाने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं। मगर, इसमें आपका सहयोग भी बहुत जरूरी है।
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सभी लोगों को एकजुट होकर सड़कों पर उतरना होगा और सरकार से अपना हक मांगना होगा। यह तानाशाही सरकार लोगों को डराएगी, धमकाएगी, लेकिन आपको डरना नहीं है, डटे रहना है। हिम्मत करो और सरकार से हिसाब मांगो… मैं आपके साथ हूं।’