Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में 514 आदिवासी युवकों को फर्जी नक्सली बता सरेंडर कराने के मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से प्रगति रिपोर्ट मांगी है।
चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने सरकार को तीन सप्ताह में रिपोर्ट पेश कर इस मामले की जांच की वर्तमान स्थिति की जानकारी देने को कहा है।
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इस संबंध में काउंसिल फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्मस ने जनहित याचिका दायर कर इस मामले की सीबीआई जांच कराने का आग्रह किया गया है।
कोचिंग के जरिए हो रहा फर्जी नक्सली सरेंडर का खेल
बता दें कि वर्ष 2014 में राज्य के 514 आदिवासी युवकों को दिग्दर्शन कोचिंग संस्थान और पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी नक्सली बताकर सरेंडर कराने की तैयारी की जा रही थी।
इसके लिए युवकों को सरकारी नौकरी देने का प्रलोभन दिया गया था। सरेंडर कराने के पूर्व में उन्हें पुरानी जेल में रखा गया था।
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याचिका में कहा गया है कि राज्य के पुलिस अधिकारियों ने नक्सलियों के सरेंडर का आंकड़ा बढ़ाने के लिए आदिवासी युवकों को प्रलोभन दिया था।
उन्हें नौकरी देने के नाम पर फर्जी नक्सली बता कर सरेंडर कराने की योजना बनी थी। सभी युवकों को रांची के पुरानी जेल में रखा गया था।
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इस मामले का खुलासा किया था। इसके बाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर इस मामले की सीबीआई जांच कराने का आग्रह किया गया है। इस याचिका पर सुनवाई चल रही है।
इस मामले में पूर्व में सरकार की सीलबंद रिपोर्ट पर केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंतव्य मांगा गया था। उस मंतव्य को राज्य सरकार को भेजा गया, जिस पर राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में हाईकोर्ट में पेश की थी।
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