Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने मादक पदार्थ तस्करी के आरोप में गिरफ्तार आरोपियों को जमानत मिलने और एनडीपीएस केस में सजा की दर कम होने को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने कहा कि पकड़े गए मादक पदार्थ की सैंपलिंग पुलिस द्वारा सही तरीके से नहीं किए जाने आरोपियों को जमानत का लाभ मिल रहा है। साथ ही सजा भी बच रहा है। मामले में हाई कोर्ट की खंडपीठ में कोर्ट के आदेश के आलोक में डीजीपी अनुराग गुप्ता, एटीएस एसपी और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल डायरेक्ट व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए थे।
खंडपीठ ने डीजीपी को निर्देश दिया कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और राज्य सरकार एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) बनाएं ताकि पुलिस द्वारा जब्त किए गए मादक पदार्थों की सैंपलिंग पुलिस सही तरीके से करें। साथ ही मादक पदार्थ बरामदगी मामले में सजा की दर बढ़े। सजा की दर शत प्रतिशत रहे यह सुनिश्चित करें. खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी 2025 निर्धारित की है।
दरअसल पूर्वी सिंहभूम के बहरागोड़ा थाना क्षेत्र में वर्ष 2020 में स्कॉर्पियो से करीब 80 से 90 किलो गांजा बरामद हुए थे। जब्त मादक पदार्थों की सैंपलिंग सही ढंग से नहीं होने पर आरोपियों को जमानत मिल गई थी। इस हाई कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए डीजीपी को तलब किया था। वर्तमान समय में मादक पदार्थ तस्करी के कई मामलों में जमानत मिली है। मादक पदार्थ तस्करी के मामलों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। लेकिन सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष कई मामलों में पुख्ता सबूत पेश नहीं कर पाती है। जिसका लाभ भी आरोपियों को मिलता रहा है।