डॉ. श्यमा प्रसाद मुखर्जी विवि के तृतीय वर्ग के कर्मी से अत्यधिक वेतन भुगतान की राशि वसूली में High Court ने किया जवाब तलब
Jharkhand High Court ने बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए डॉ श्यमा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय( डीएसपीएमयू) के तृतीय वर्ग के कर्मी से अत्यधिक वेतन भुगतान की राशि वसूल करने के मामले में राज्य के वित्त विभाग, मानव संसाधन विभाग और डीएसपीएमयू से चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस मामले में पूर्व में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राशि की वसूली के आदेश पर रोक लगा दी थी और प्रार्थियों को यूनिवर्सिटी को अभ्यावेदन देने का निर्देश देते हुए याचिका खारिज कर दी थी।
बुधवार को सुनवाई के दौरान प्रार्थी मनोज किड़ो की ओर से कोर्ट के बताया या कि हाईकोर्ट की रोक के बाद भी विश्वविद्यालय ने 17 अगस्त 2024 को रिकवरी प्रक्रिया शुरू करते हुए उन्हें शो कॉज नोटिस जारी किया गया है। जबकि हाई कोर्ट ने मनोज कुमार सहित 37 अन्य विश्वविद्यालय कर्मियों के मामले में प्रार्थियों को 22 अगस्त 2024 तक अपना रिप्रेजेंटेशन श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय को देने और विश्वविद्यालय को उसपर पुनर्विचार करने को कहा था। हाईकोर्ट के पूर्व के आदेश की अवमानना है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय ने अपने तृतीया और चतुर्थवर्गीय कर्मियों को अत्यधिक वेतन भुगतान वापसी के संबंध में पत्र जारी करते हुए कहा था की सातवें वेतनमान के तहत विश्वविद्यालय ने उन्हें अधिक वेतन भुगतान कर दिया है, इसलिए उन्हें किए गए अत्यधिक वेतन को वापस करना होगा।
क्या है मामला
झारखंड सरकार के वित्त विभाग के अधिसूचना 18 जनवरी 2017 के तहत राज्य के सभी कर्मियों के एक जनवरी 2016 से केंद्रीय सप्तम वेतनमान की सिफारिश के आलोक में लाभ देने का निर्णय लिया गया था। इसके आलोक में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय ने 25 जनवरी 2023 को अधिसूचना जारी की जिसके तहत सप्तम वेतनमान का लाभ कर्मियों को 1 जनवरी 2016 से दिए जाने का निर्णय लिया एवं विश्वविद्यालय के द्वारा सभी बकाया वेतन कर्मियों एवं शिक्षकों को प्रदान किया गया।