गबन का मामलाः झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को 27 लाख जमा करने की शर्त पर हाईकोर्ट से मिली राहत
Ranchi: Fund embezzlement case झारखंड हाईकोर्ट से शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को राहत मिली है। जस्टिस एके चौधरी की अदालत ने 27 लाख रुपये गिरिडीह उपायुक्त के यहां जमा करने की शर्त पर अग्रिम जमानत की सुविधा प्रदान की है। मंत्री जगरनाथ महतो को डुमरी के एक कॉलेज में गबन करने का आरोपी बनाया गया है।
इस मामले में धनबाद की निचली अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद इन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान इनके अधिवक्ता एके साहनी और अजीत कुमार ने अदालत को बताया कि उनका कॉलेज के वित्तीय लेनदेन में कोई भूमिका नहीं है।
वित्तीय लेनदेन का मामला स्कूल के प्राचार्य और सचिव के हस्ताक्षर से होता है। ऐसे में उनक पर गबन का मामला नहीं बता है। इसको देखते हुए हाई कोर्ट ने उन्हें गबन की राशि 27 लाख रुपये गिरिडीह उपायुक्त के यहां जमा करने की शर्त पर अग्रिम जमानत मंजूर की है।
अदालत ने कहा कि उक्त राशि उपायुक्त के यहां इस मामले में निचली अदालत में निष्पादन होने तक जमा रहेगी। दरअसल, राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो झारखंड कॉमर्स कॉलेज, डूमरी गिरिडीह में स्थानीय विधायक होने के नाते गवर्निंग बॉडी (जीबी) के पदेन अध्यक्ष हैं।
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अधिवक्ता एके साहनी ने बताया कि वर्ष 2004 में इस कॉलेज के डेगलाल महतो को प्राचार्य बनाया गया था। जीबी के निर्णय के अनुसार बैंक से वित्तीय लेनदेन प्राचार्य और सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जाएगा। इसके बाद डेगलाल महतो ने अपने हस्ताक्षर से वित्तीय अनियमितता की।
इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया और जीबी की बैठक के बाद 2007 में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने मंत्री जगरनाथ महतो सहित सात अन्य लोगों के खिलाफ धनबाद की अदालत में शिकायतवाद दर्ज कराया गया। इस पर कोर्ट ने सभी को समन जारी किया था।
इसके खिलाफ मंत्री जगरनाथ महतो ने सिविल कोर्ट में अग्रिम जमानत दाखिल की थी, लेकिन अदालत ने इन्हें राहत देने से इन्कार कर दिया था। इसके बाद इनकी ओर से हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की गई। सुनवाई के बाद अदालत ने मंत्री को सशर्त जमानत प्रदान की है।