झारखंड स्थापना दिवस पर टॉफी और टी शर्ट बंटवारे में गड़बड़ी के मामले में सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है। बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि इस मामले में जवाब तैयार कर लिया गया है लेकिन दाखिल नहीं किया जा सका है। सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की। इस पर जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस पीके श्रीवास्तव की अदालत ने समय देते हुए सुनवाई 27 अगस्त को निर्धारित की। अदालत ने इस दिन सरकार को विस्तृत जवाब और रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने सरकार को एसीबी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट और महालेखाकार को ऑडिट रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था।
इस मामले में पंकज कुमार यादव ने जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि 15 नवंबर 2016 को राज्य स्थापना दिवस पर सरकार ने स्कूली बच्चों के बीच टीशर्ट और टॉफी वितरण करने का निर्णय लिया था। उसी साल 13 और 14 नवंबर को खरीदारी की गयी और 15 नवंबर को सभी बच्चों के बीच इसे बांट दिया गया। महालेखाकार ने भी टी-शर्ट और टॉफी वितरण में गड़बड़ी की बात कही है। एजी की रिपोर्ट में भी इस पर आपत्ति जताई गई है।
पांच लाख बच्चों के बीच एक ही दिन में टी शर्ट बांट देने पर सवाल उठाते हुए प्रार्थी ने कहा कि झारखंड राज्य शिक्षा परियोजना परिषद के नोडल अफसर ने 14 नवंबर 2016 को टी-शर्ट और टॉफी प्राप्त की। उसे अगले ही दिन 15 नवंबर की सुबह में पांच लाख बच्चों के बीच बांट दिया गया। प्रार्थी के अधिवक्ता ने कहा कि सरकार के पास ऐसी कोई मशीनरी नहीं है कि एक ही दिन में सामग्री प्राप्त कर उसे अगले दिन की सुबह तक पहुंचा कर बांट दी जाए। कुछ बच्चों को टॉफी और टी-शर्ट बांट कागज पर पूरा दिखा दिया गया है। मामले के दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने का आग्रह अदालत से किया गया है।