एनआईए को मामले में हर दिन गवाहों को पेश करने का निर्देश
पहले केस में जल्द आ सकता है एनआईए का फैसला
Terror Funding: सुप्रीम कोर्ट ने चतरा के टंडवा स्थित मगध व आम्रपाली कोयला परियोजना की टेरर फंडिंग से जुड़े मुकदमे को इस साल के अंत तक सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया है। एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट से पिछले साल मुकदमे की सुनवाई की अवधि को एक साल बढ़ाने का अनुरोध किया था। जिसकी अनुमति एनआईए को प्रदान कर दी गई है।
इस आदेश के बाद मुकदमे का सामना कर रहे आधुनिक पावर कंपनी के तत्कालीन एमडी महेश अग्रवाल, कारोबारी विनीत अग्रवाल, अमित अग्रवाल, सुदेश केडिया समेत अन्य आरोपियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए की विशेष अदालत के जज को मुकदमे की सुनवाई प्राथमिकता के आधार पर पूरी करने का आदेश दिया है।
रोजाना सुनवाई करने का आदेश
मामले की सुनवाई रोजाना सुनवाई जारी है। एनआईए ने मामले में 140 गवाहों में 114 गवाह को प्रस्तुत कर चुकी है। बता दें कि एनआईए ने चतरा जिले के टंडवा थाना में दर्ज प्राथमिकी को फरवरी 2018 को टेकओवर किया। अनुसंधान करते हुए 17 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
इसमें खुलासा कर चुकी है कि सीसीएल, पुलिस, उग्रवादी व शांति समिति के बीच समन्वय से टेरर फंडिंग हो रही थी। तृतीय प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) को फंड देने की पुष्टि हुई है। टीपीसी को लेवी देने के लिए ही उसने ऊंची दर पर मगध और आम्रपाली प्रोजेक्ट से कोयला ढुलाई का ठेका लिया था। झारखंड में एनआईए ने पहला केस 2012 में दर्ज किया था। वर्तमान में कुल 28 केस में सुनवाई चल रही है, लेकिन एक भी मामले में फैसला नहीं आ सका है।
ये आरोपी कर रहे मुकदमे का सामना
आधुनिक पावर के तत्कालीन महाप्रबंधक महेश अग्रवाल, बीकेबी ट्रांसपोर्ट के उपाध्यक्ष विनीत अग्रवाल, सोनू अग्रवाल उर्फ अमित अग्रवाल, कारोबारी सुदेश केडिया, ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू सिंह, अजय सिंह, मास्टरमाइंड सुभान खान, टीपीसी के जोनल कमांडर आक्रमण जी उर्फ रवींद्र गंझू उर्फ नेताजी, क्षेत्रीय कमांडर ब्रजेश गंझू उर्फ गोपाल सिंह भोक्ता, बिंदेश्वर गंझू उर्फ बिंदु गंझू, भीखन गंझू उर्फ दीपक गंझू, प्रदीप राम, विनोद गंझू, मुनेश गंझू, बीरबल गंझू, मुकेश गंझू उर्फ मुनेश्वर गंझू, कोहराम जी एवं अनिश्चय गंझू।