Bar Council: झारखंड बार कौंसिल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद वर्तमान कार्यकारिणी को 18 माह का विस्तार दिए जाने का मामला अब अदालत तक पहुंच गया है। बार कौंसिल ऑफ इंडिया के इस निर्णय को एडवोकेट एक्ट के खिलाफ बताते हुए अवधि विस्तार को रद कर तत्काल नई कार्यकारिणी का गठन करने का आग्रह हाई कोर्ट से किया गया है।
झारखंड बार कौंसिल का कार्यकाल जुलाई 2023 में समाप्त हो गया था। इसके बाद झारखंड बार कौंसिल ने मतदाता सूची तैयार नहीं होने के आधार पर बीसीआई से अवधि विस्तार करने का आग्रह किया था। बीसीआई ने इस आग्रह को स्वीकार कर लिया और छह माह की अवधि विस्तार कर दिया। साथ ही वकीलों का सत्यापन कराने के बाद ही चुनाव कराने का निर्देश दिया।
18 माह विस्तार की मिली अनुमति
छह माह का अवधि विस्तार जनवरी 2024 में खत्म हो गया। इसके बाद झारखंड बार कौंसिल ने फिर बीसीआई को पत्र लिखा और सत्यापन पूरा नहीं होने का हवाला देकर 18 माह का अवधि विस्तार का आग्रह किया। बीसीआई ने इस आग्रह को फिर मान लिया और अविध विस्तार दे दिया। बार कौंसिल ऑफ इंडिया ने अंतिम विस्तार देते हुए 18 माह की अवधि में वकीलों का सत्यापन कराने का निर्देश दिया। साथ ही पत्र में स्पष्ट किया यह अंतिम विस्तार दिया जा रहा है। इस अवधि में सत्यापन पूरा नहीं हुआ तो अवधि विस्तार नहीं दिया जाएगा। अवधि विस्तार मिलने के बाद भी सत्यापन के लिए वकील रुचि नहीं दिखा रहे।
हाई कोर्ट ने बीसीआई को दिया है नोटिस
बार कौंसिल ऑफ इंडिया के इस निर्णय को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बार कौंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया है और जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। 18 माह का अवधि विस्तार दिए जाने के खिलाफ संजय कुमार तिवारी ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने बार कौंसिल ऑफ इंडिया को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।