Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस संजय प्रसाद की अदालत में पाकुड़ के पूर्व एसपी अमरजीत बलिहार की हत्या मामले में फांसी की सजा पाए नक्सलियों की अपी याचिका पर सुनवाई हुई। सभी पक्षों की ओर से बहस पूरी करने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
हत्या के दो दोषी नक्सली सुखलाल मुर्मू उर्फ प्रवीर और सनातन वास्ती उर्फ ताला को दुमका कोर्ट ने सितंबर 2018 में फांसी की सजा सुनायी है। इस आदेश के खिलाफ दोनों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सजा रद करने का आग्रह किया है। प्रार्थियों की ओर से कहा गया कि इस मामले में उनके खिलाफ कोई भी प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं मिला है।
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निचली अदालत का फैसला न्यायसंगत नहीं है। बिना पुख्ता साक्ष्य के उन्हें मौत की सजा सुनायी गयी है। बता दें कि वर्ष 2013 में पाकुड़ के तत्कालीन एसपी अमरजीत बलिहार चुनाव को लेकर एक बैठक में शामिल होने के लिए दुमका गए थे। इस दौरान लौटने के क्रम में नक्सलियों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया था।
इसमें अमरजीत बलिहार समेत छह पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी थी। निचली अदालत ने मामले की सुनवाई कर पांच आरोपियों को बरी कर दिया था जबकि उक्त दोनों को फांसी की सजा सुनायी थी। पिछले तीन तिथि से इस मामले में बहस जारी थी। इसके बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा है।
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