RMC Appellate Authority: गलत जानकारी देने पर हाईकोर्ट नाराज, नगर विकास सचिव को जारी किया अवमानना नोटिस

Ranchi: RMC Appellate Authority झारखंड के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने रांची नगर निगम के अपीलीय प्राधिकार में नियुक्ति से संंबंधित गलत जानकारी देने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए नगर विकास सचिव के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया है। अदालत ने पूछा कि क्यों नहीं आपके खिलाफ अवमानना का मामला चलाया जाए।

अपीलीय प्राधिकार के संचालित नहीं होने पर अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि लगता है कि राज्य सरकार नहीं चाहती है कि रांची में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस मामले में अगली सुनवाई तीन दिसंबर को होगी। पेंटागन व्यवसायिक भवन का कुछ हिस्सा तोड़ने के खिलाफ सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता रोहित सिन्हा ने अदालत को बताया कि रांची नगर निगम के अपीलीय प्राधिकार में कोरम पूरा नहीं होने की वजह से सुनवाई नहीं हो पा रही है। प्राधिकार में चेयरमैन और न्यायिक सदस्य की नियुक्ति कर दी गई है, लेकिन तकनीकी सदस्य की नियुक्ति नहीं हुई है। इसलिए उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

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इस पर अदालत ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से तीन माह पहले अपीलीय प्राधिकार में सभी की नियुक्ति कर संचालित होने की जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से दी है। अगर ऐसा किया गया है, तो यह अवमानना के दायरे में आता है। कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि डीसी, एसपी और एसएससी के पोस्टिंग में ही राज्य सरकार को इंट्रेस्ट है। बाकी काम से सरकार को कोई मतलब नहीं है।

अपीलीय प्राधिकार में नियुक्ति नहीं होने की वजह से नगर निगम के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल हो रही हैं, जो अदालत का बोझ बढ़ा रही हैं। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने तथ्यों को छुपाया है। इसके बाद अदालत ने दूसरी पाली में महाधिवक्ता और नगर विकास सचिव को ऑनलाइन जुड़ने का आदेश दिया। दूसरी पाली में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया कि नगर विकास सचिव दिल्ली में हैं और उनके शाम में आने की सूचना है। इसके बाद कोर्ट ने उनके खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया है।

बडा तालाब में निर्माण पर मांगा जवाब
इस दौरान रांची के बड़ा तालाब में अतिक्रमण और गंदगी को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने नगर विकास और रांची नगर निगम से जवाब मांगा है। पूछा है कि जब वर्ष 2018 में कंक्रीट के निर्माण पर रोक लगाते हुए ग्रीन हेज बनाने की बात कही गई थी। तो ऐसे में अब दोबारा निर्माण क्यों किया जा रहा है।

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