Reservation: हाईकोर्ट का फैसला- शादी के बाद भी उत्तर प्रदेश की महिला को झारखंड में नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ, याचिका खारिज

Ranchi: Reservation झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में शिक्षक नियुक्ति में आरक्षण की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने प्रार्थी की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि प्रार्थी यूपी की रहने वाली है। ऐसे में उन्हें झारखंड में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है।

अदालत ने कहा कि भले ही उनकी शादी झारखंड में हुई है। लेकिन उन्हें झारखंड में समान जाति होने के बाद भी आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है। इसके बाद अदालत ने उक्त याचिका खारिज कर दी। इसको लेकर कुमारी आरती ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

इसे भी पढ़ेंः ISRO Espionage: सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- मामले में हो सकती है विदेशियों की बड़ी साजिश

सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राजेंद्र कृष्णा ने अदालत को बताया कि जेएसएससी ने वर्ष 2016 में शिक्षक नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था। उन्होंने भी शिक्षक पद के लिए आवेदन भरा था। वह उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं, लेकिन उनकी शादी गोड्डा में समान जाति (एसटी) में हुई है और पति के नाम से जारी जाति प्रमाण पत्र जमा किया।

इस पर कर्मचारी चयन आयोग की ओर से उनके पिता के नाम से जारी जाति प्रमाण पत्र की मांग की। आयोग के अनुसार पिता के नाम से जारी जाति प्रमाण पत्र जमा करना है। इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश से जारी जाति प्रमाण पत्र दे दिया। लेकिन आयोग ने उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं दिया।

आयोग का कहना है कि राज्य के बाहर के लोगों को समान जाति होने के बाद भी आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है, जो कि गलत है। इस पर जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय कुमार पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से पारित आदेश में कहा गया है कि दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है। राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में अधिसूचना भी जारी की गई है। इसके बाद अदालत ने प्रार्थी की याचिका को खारिज कर दिया।

Rate this post
Share it:

Leave a Comment