रांचीः पुलिस अधिकारियों पर फायरिंग मामले में दो उग्रवादियों को 8-8 साल की सजा और भारी-भरकम जुर्माना भी
रांचीः सिविल कोर्ट के न्यायायुक्त सह पोटा मामले के विशेष न्यायाधीश दिवाकर पांडे की अदालत ने दो उग्रवादियों लोकन गंझू एवं सुनील गंझू को दोषी पाकर 8-8 साल कैद की सजा सुनवाई है। साथ ही दोनों पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना नहीं देने पर अतिरिक्त जेल काटनी होगी। यह फैसला 22 साल बाद आया है। अभियुक्त ट्रायल के दौरान ही लंबे समय से फरार चल रहा था। बिना गिरफ्तारी के ही यह सजा सुनाई गई। सजा सुनने के बाद कोर्ट ने हजारीबाग एसपी को दोनों सजायाफ्ताओं को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है।
मामले के विशेष लोक अभियोजक बीएन शर्मा ने बताया कि दोनों के खिलाफ हजारीबाग के इचाक थाना में साल 2002 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 19 फरवरी 2002 की मध्य रात्रि को माओवादी कम्यूनिस्ट सेंटर के उग्रवादियों ने दो लोगों की हत्या की। इसके बाद कोर्ट में राहगीरों और पुलिस अधिकारियों पर गोलियां चलाई। जिसमें कई पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से जख्मी हुए थे। अभियुक्तों का कृत्य देश की अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता के खिलाफ था। मामले में वर्तमान डीजीपी अनुराग गुप्ता, काउंटर स्पेशलिस्ट दीपक कुमार वर्मा समेत 18 गवाहों को कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था।