Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद और जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की खंडपीठ में शुक्रवार को मनी लाउंड्रिंग मामले में आरोपी कारोबारी अमित अग्रवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी अमित अग्रवाल की ओर से बताया कि टी-स्टेट कंपनी से उनका कोई लेना देना नहीं है। वह कंपनी में निदेशक भी नहीं है। उस कंपनी का निदेशक दिलीप घोष है।
ऐसे में उसे जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए। ईडी की ओर से अधिवक्ता अमित दास और सौरव कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि जिस कंपनी ने सेना की कब्जे वाली जमीन की अवैध खरीद की है। उस कंपनी से का लाभ अमित अग्रवाल को मिलता है। वह कंपनी में काम करने वाले सभी कर्मचारियों का वेतन कैश में देता था। इस मामले में प्रार्थी का संलिप्तता है। इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जाए। इसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। निचली अदालत से जमानत नहीं मिलने के बाद कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।