Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग संयुक्त स्नातक स्तरीय (जेएसएससी सीजीएल) परीक्षा पेपर लीक मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या न्यायिक जांच की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पेपर लीक मामले में राज्य सरकार को बड़ा निर्देश दिया है। खंडपीठ ने झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2023 के परीक्षाफल प्रकाशन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। इस मामले की अगली सुनवाई अब नए साल के 22 जनवरी को होगी। तब तक परीक्षाफल के प्रकाशन पर रोक रहेगा। खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पेपर लीक होने के संबंध में दर्ज शिकायत पर परीक्षा संचालन अधिनियम 2023 के तहत पुलिस एफआईआर दर्ज करें और अनुसंधान कर रिपोर्ट दे। दरअसल, राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में 2,025 पदों को भरने के लिए आयोजित जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में 650,000 से अधिक अभ्यार्थी शामिल हुए थे।
पूर्व की सुनवाई के दौरान वादी की ओर से बताया गया था कि झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2023 (JSSC CGL Exam 2023) 28 जनवरी 2024 को हुई थी। बड़ी संख्या में छात्र परीक्षा में शामिल भी हुए, लेकिन छात्रों ने प्रश्नपत्र लीक का आरोप लगाया था और विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद एसआईटी का गठन किया गया था। इस परीक्षा में जिस प्रकार से पेपर लीक हुआ है उसी प्रकार 21 सितंबर 2024 एवं 22 सितंबर 2024 की भी परीक्षा में पेपर लिखा हुआ है।राजेश प्रसाद ने इस संबंध में संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए ऑनलाइन कंप्लेंट दर्ज की है उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं करना संदेह उत्पन्न कर रहा है। जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में पेपर लीक को लेकर बड़ी संख्या में छात्र आंदोलित है।
बता दें कि हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दलील दी गई है कि राज्य पुलिस द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जा रही जांच पारदर्शी नहीं रही है, क्योंकि जांच के निष्कर्ष अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया है कि सीबीआई या न्यायिक जांच के माध्यम से अधिक गहन जांच की जाए।