Prsche Accident Case: पुणे के पोर्शे कार एक्सीडेंट (Pune Accident) मामले में हंगामा होने के बाद आरोपी वेदांत अग्रवाल की जमानत खारिज कर रिमांड होम भेज दिया गया है। पुणे पुलिस ने फजीहत के बाद जुवनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने दोबारा याचिका दायर कर वेदांत अग्रवाल को बालिग मानने का आग्रह किया गया था। बोर्ड ने वेंदात अग्रवाल की जमानत खारिज कर रिमांड होम भेजने का निर्देश दिया ।
जाने-माने रियल एस्टेट डेवलपर के नाबालिग बेटे को घटना के कुछ घंटों बाद इस शर्त पर जमानत दे दी गई थी कि वह 15 दिनों के लिए येरवडा ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करेगा और सड़क दुर्घटनाओं पर एक निबंध लिखेगा। इसके बाद सोशल मीडिया पर काफी हंगामा मचा था।
जमानत शर्तों की आलोचना के बाद पुणे पुलिस ने कहा कि वे इस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे। इसके बाद उसने फिर से बोर्ड से संपर्क किया और अपने आदेश की समीक्षा करने और इस आधार पर किशोर के साथ वयस्क आरोपी के रूप में व्यवहार करने की अनुमति मांगी कि अपराध जघन्य प्रकृति का था।
डेढ़ घंटे में पी ली थी 48000 की शराब
पुणे पुलिस ने नया खुलासा किया है कि आरोपी वेदांत अग्रवाल ने डेढ़ घंटे के अंदर ही अड़तालीस हजार रुपए की शराब पी ली थी। पुलिस के मुताबिक वेदांत अग्रवाल अपनी पोर्शे कार से दो लोगों को मारने से पहले पहले दो पबों का दौरा किया था। पहले पब, Cosie था जहां पर इस लड़के ने अपने दोस्तों के साथ 48,000 रुपये खर्च किए। पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार के अनुसार, उन्होंने 48,000 रुपये का बिल हासिल किया है जो उस पब में चुकाया गया था जहां नाबालिग ने शराब पी थी।
वेदांत अग्रवाल का सीसीटीवी फुटेज मिला
वेदांत अग्रवाल और उसके दोस्तों की शराब पीने की सीसीटीवी फुटेज भी मौजूद है। दुर्घटना के बाद, पुणे पुलिस ने मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 (शराब पीकर गाड़ी चलाने) के तहत मामला दर्ज किया है। खून के नमूनों की रिपोर्ट अभी बाकी है।
सोशल मीडिया पर Pune Accident का मीम
सोशल मीडिया पर पुणे एक्सीडेंट को लेकर जबरदस्त कैंपन चलाया जा रहा है । तरह-तरह के व्यंगात्मक मीम बनाए जा रहे हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पुणे एक्सीडेट पर इंसाफ की मांग करते हुए अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट किया है।
24 मई तक भेजा गया जेल
इससे पहले पुणे की एक सत्र अदालत ने 17 वर्षीय नाबालिग के पिता और एक पब के दो कर्मियों को बुधवार को 24 मई तक की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। नाबालिग लड़के के पिता और ब्लैक कब पब के कर्मी नितेश शेवाणी व जयेश गावकर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस.पी. पोंखसे के सामने पेश किया गया। नाबालिग लड़के के पिता एक रियल एस्टेट कारोबारी हैं। नाबालिग ने दुर्घटना से पहले पब में बैठकर कथित रूप से शराब पी थी।
पुलिस ने नाबालिग लड़के के पिता और बार के मालिक व कर्मियों के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 77 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। आरोपी नाबालिग रविवार को दुर्घटना से पहले पब गया था। पब के कर्मियों पर नाबालिग को शराब परोसने के लिए मुकदमा दर्ज किया गया है। अभियोजन पक्ष ने पिता और दो अन्य लोगों के लिए सात दिनों की पुलिस हिरासत की मांग की थी ताकि पुलिस इस बात की जांच कर सके कि पिता ने अपने बेटे को बिना नंबर प्लेट की गाड़ी ले जाने की इजाजत क्यों दी।
राहुल को हादसे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए था : फडणवीस
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा इस मामले का जिक्र किए जाने के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि पुणे में किशोर की संलिप्तता वाले कार हादसे का ‘राजनीतिकरण’ कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘शोभा’ नहीं देता है। इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे ने फडणवीस से सवाल किया कि क्या कार हादसे की घटना के बाद उनका पुणे दौरा का उद्देश्य मामले में जांच एजेंसियों को बचाना था।
कल्याणी नगर की घटना पर टिप्पणी करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अगर हादसा किसी ट्रक या कैब चालक से होता तो वह सालों तक जेल में रहता, लेकिन अमीर व्यक्ति के बेटे के लिए न्याय दूसरा है और कांग्रेस इसी व्यवस्था को बदलना चाहती है। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में राहुल गांधी के वीडियो संदेश के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा, ”पुलिस सही दिशा में काम कर रही है।
लेकिन फैसला (तेज रफ्तार कार चला रहे किशोर को जमानत देने का) किशोर न्याय बोर्ड ने लिया।” फडणवीस महाराष्ट्र का गृह विभाग भी संभाल रहे हैं। फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा, ”पुणे पुलिस ने फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दी है। हादसे का राजनीतिकरण करना राहुल गांधी को शोभा नहीं देता है। यह सही नहीं है कि सभी चीजों को वोट के चश्मे से देखा जाए। यदि गांधी के पास सही जानकारी नहीं है तो उन्हें ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।”