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वकील हत्याकांडः गोपी कृष्णा की हत्या में शामिल थे 2 अपराधी, एसआईटी का गठन, 72 घंटे के अंदर उद्भेदन

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सिविल कोर्ट के अधिवक्ता गोपी कृष्णा की निर्मम हत्या में एक नहीं 2 अपराधी शामिल थे। एक आरोपी चाकू से पेट में और दूसरा आरोपी सर में चाकू से वार किया। सर में चाकू से ऐसा वार किया कि चाकू माथे में अटक गया। पोस्टमार्टम में उस चाकू के निकाला गया। अपराधियों को पकड़ने के लिए सिटी एसपी के नियंत्रण में कोतवाली डीएसपी प्रकाश सोय के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है। जिसमें प्रशिक्षु डीएसपी दुसरू बान सिंह, व प्रभात बेक के साथ पुलिस इंस्पेक्टर सह सुखदेव नगर थाना प्रभारी मनोज कुमार, कोतवाली थाना प्रभारी रंजीत कुमार सिन्हा, सब-इंस्पेक्टर संजीव कुमार, कुमार गौरव, उमेश चंद्र महतो, नवीन कुमार एवं एएसआई शाह फैशल शामिल है। गोपी कृष्णा का दाह संस्कार देर शाम हरमू मुक्ति धाम में कर दिया गया।

72 घंटे के अंदर घटना का उद्भेदन कर लेने का दावाः

घटना के तत्काल बाद अनुसंधान प्रारंभ कर दिया गया है। इस क्रम में एफएसएल की टीम घटनास्थल पर पहुंची और उसके द्वारा छानबीन की गई है। आसपास के लोगों का बयान घटना के संबंध में लिया गया है। तकनीकी अनुसंधान भी साथ-साथ चल रहा है। अब तक के अनुसंधान से यह पता चला है कि इस घटना को दो आरोपियों ने कारित किया है। इस घटना से मर्माहत अधिवक्ताओं की सिविल कोर्ट में बार एसोसिएशन के नेतृत्व में एसएसपी रांची के साथ न्यायायुक्त दिवाकर पांडे की उपस्थिति में बैठक हुई। जिसमें एसएसपी ने सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर 72 घंटे में घटना का उद्भेदन करने की बात कही। जिस पर बार एसोसिएशन ने समय दिया है।

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