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लालू प्रसाद की जमानत रद करने पर सुप्रीम कोर्ट में बोले कपिल सिब्बल- लालू की किडनी हुई है ट्रांसप्लांट

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नई दिल्लीः चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद की जमानत रद करने की सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि लालू प्रसाद ने 40 माह जेल में बिताए हैं। जमानत पर रिहा होने पर उनके किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है।

इस पर सीबीआई की ओर से एएसजी एसवी राजू ने कहा कि इस मामले में कानून के अनुसार स्पष्ट सवाल उठता है। हाई कोर्ट का आदेश पूरी तरह से गलत है।

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उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने गलत धारणा पर जमानत दी है कि उन्होंने सजा का आधी अवधि से ज्यादा समय जेल में बिताया है। इसलिए उनकी जमानत रद की जानी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। अदालत ने कहा कि इस मामले में विस्तृत सुनवाई के लिए 17 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की जाती है।

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इससे पहले 18 अगस्त को सीबीआई की ओर से सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अदालत में मामले की जल्द सुनवाई के लिए मेंशन किया गया। इसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।

उस दौरान अदालत ने इस मामले की सुनवाई 25 अगस्त हो निर्धारित की थी। सीबीआई की ओर से लालू की जमानत को रद करने के लिए एसएलपी दाखिल की गई है।

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लालू प्रसाद के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने बताया कि लालू की जमानत रद करने के लिए सीबीआई ने याचिका दाखिल की है। सभी में उनकी ओर से जवाब दाखिल कर दिया गया है।

चार मामलों में लालू प्रसाद को मिली है जमानत

चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद को चार मामलों में सजा मिली है। इसके खिलाफ लालू प्रसाद ने हाई कोर्ट में अपील याचिका दाखिल की थी।

अपील के साथ लालू ने जमानत देने की गुहार लगाई थी। अदालत ने सभी मामलों में आधी सजा पूरी करने के आधार पर जमानत की सुविधा प्रदान कर दी है।

सीबीआई लालू के चाईबासा के दो, देवघर और दुमका मामले में झारखंड हाई कोर्ट से मिली जमानत को निरस्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की है।

सीबीआई की ओर से हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है। जिसमें कहा गया है कि हाई कोर्ट का आदेश सही नहीं है।

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Devesh Ananad

देवेश आनंद को पत्रकारिता जगत का 15 सालों का अनुभव है। इन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में काम किया है। अब वह इस वेबसाइट से जुड़े हैं।

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