रांची। चारा घोटाले मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद को रिम्स निदेशक बंगले में शिफ्ट किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि लालू प्रसाद चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता हैं और एक कैदी को बंगला कैसे दिया गया है। यह पूरी तरह से जेल मैन्युअल का उल्लंघन है। इसको लेकर नालंदा के रहने वाले मनीष कुमार ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है।
इस केस की पैरवी करने वाले अधिवक्ता मनोज टंडन ने बताया कि जब लालू प्रसाद को चारा घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया था, तो उन्हें बीएमपी गेस्ट हाउस में रखा गया था। इस दौरान जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट के जानकारी में लाया गया, तो अदालत ने तत्काल लालू प्रसाद को जेल में भेजने का निर्देश दिया। अब तो लालू प्रसाद चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता है, ऐसे में उन्हें रिम्स का बंगला नहीं दिया जा सकता है। इसको भी याचिका में शामिल किया गया है।
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि हेमंत सरकार में राजद भी साझीदार है, इसलिए लालू प्रसाद को इस तरह की सुविधा दी जा रही है। जबकि बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बहुत सुविधाएं है, इसलिए लालू प्रसाद को तत्काल बंगले से निकाल कर जेल भेजा जाए। इस याचिका में मीडिया में आई कई रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया है। कहा है कि लालू प्रसाद इसी बंगले से राजनीतिक गतिविधि चला रहे हैं। बिहार चुनाव के चलते सरगर्मी और बढ़ गई है। बिहार के नेताओं का लालू से मिलने के लिए तांता लगा रहता है। इस याचिका में झारखंड सरकार के मुख्य सचिव, केंद्र सरकार और सीबीआइ को प्रतिवादी बनाया गया है।
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