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झारखंड हाईकोर्टः केंद्रीय कारा हजारीबाग में स्वतंत्रता से पहले की ऐतिहासिक दस्तावेज को करें संरक्षित

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झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय व जस्टिस पीके श्रीवास्तव की खंडपीठ ने हजारीबाग केंद्रीय कारा में भारत की आजादी के पहले के रिकार्ड को संरक्षित रखने को लेकर सरकार को सारी प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई एक अगस्त को होगी। जैल मैनुअल मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार से पूछा है कि राज्य के जेलों में रिक्त कितने पदों को भरा गया है। राज्य के जेलों में कितने पद रिक्त रह गए हैं। इसकी भी जानकारी दी जाए।

अदालत ने राज्य सरकार से यह भी पूछा है कि जेल मैनुअल में सुधार को लेकर दिए गए सुझाव के आलोक में राज्य सरकार क्या कदम उठा रही है। इससे पहले राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि ऐतिहासिक दस्तावेज को संरक्षित रखने वाली केंद्र सरकार और बिहार सरकार की एजेंसी एवं जैप आईटी को पत्र लिखा गया था। बिहार सरकार की ऐतिहासिक दस्तावेजों को संरक्षित रखने वाली एजेंसी (बिहार आर्काइव) ने झारखंड में लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा हजारीबाग के आजादी के पूर्व के ऐतिहासिक दस्तावेज सुरक्षित रखने को लेकर निरीक्षण भी किया था।

उसने कुछ सुझाव और गाइडलाइन भी राज्य सरकार को दिया और ऐतिहासिक दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन करने का प्रस्ताव दिया। इसपर झारखंड सरकार काम कर रही है। बिहार आर्काइव के गाइडलाइन के तहत जेल में इन दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए आधारभूत संरचना तैयार करने के लिए राज्य पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन को जेल आइजी की ओर से पत्र लिखा गया है। अनुमानित खर्च के संबंध में जानकारी मांगी गई है।

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