हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव से पूछा, वृहद पीठ के स्पष्ट आदेश के बाद गैर अनुसूचित जिलों में शिक्षकों की अब तक क्यों नहीं हुई नियुक्ति


रांचीः झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में बुधवार को राज्य के गैर अनुसूचित जिलों में शिक्षक नियुक्ति को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने शिक्षा सचिव से पूछा है कि गैर अनुसूचित जिलों में संस्कृत एवं इतिहास के शिक्षकों की अब तक नियुक्ति क्यों नहीं की गई है। जबकि सोनी कुमारी के मामले में वृहद पीठ ने स्पष्ट किया है कि गैर अनुसूचित जिलों में होने वाली नियुक्ति पर किसी प्रकार की कोई रोक नहीं है। इसके बाद भी सरकार जेएसएससी की अनुशंसा पर नियुक्ति नहीं करना गंभीर बात है।

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अदालत ने कहा कि शिक्षा सचिव को पांच मई तक यह बताने को कहा है कि गैर अनुसूचित जिलों में विभाग शिक्षकों की नियुक्ति कब करने जा रही है। साथ ही अदालत ने गैर अनुसूचित जिलों में नियुक्ति से संबंधित सभी लंबित मामलों को पांच मई को एक साथ सुनवाई करने की तिथि निर्धारित की है। इस संबंध में राजीव मिश्र सहित अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में जल्द से जल्द नियुक्ति पत्र दिए जाने का आदेश देने का कोर्ट से आग्रह किया गया है।

प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने कहा कि गैर अनुसूचित जिलों में संस्कृत शिक्षकों के पद पर सिंतबर 2019 में जेएसएससी की ओर से मेरिट लिस्ट जारी किया गया और नियुक्ति की अनुशंसा कर दी गई है। इतिहास विषय के शिक्षकों की नियुक्ति की अनुशंसा दिसंबर 2020 में कर दी गई है। लेकिन अभी तक इनकी नियुक्ति नहीं हुई है। अदालत ने विभाग के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आखिर अभ्यर्थियों को क्यों परेशान किया जा रहा है।

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