IAS Manish Ranjan: झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव व वर्तमान में राजस्व व भवन निर्माण विभाग के सचिव मनीष रंजन एयरपोर्ट रोड स्थिति ईडी कार्यालय पहुंचे हैं। जहां पर मंत्री आलमगीर आलम के आमने-सामने ईडी पूछताछ करेगी। आलमगीर आलम से तीन दिन और पूछताछ की अनुमति कोर्ट से मिली है।
वहीं, ईडी ने मनीष रंजन को 28 मई को पूछताछ के लिए बुलाया था। ईडी ने दूसरी बार नया समन जारी किया था। उन्हें उस दिन ईडी कार्यालय पहुंचने को कहा गया है। उनको पिछली बार 24 मई को समन कर बुलाया गया था। लेकिन उन्होंने राजस्व विभाग के एक कर्मचारी को विशेष दूत के तौर पर भेज मनीष रंजन ने तीन सप्ताह के समय की मांग की। जिसे ईडी ने मानने से इनकार कर दिया है। ईडी ने मनीष रंजन से जुड़े कई साक्ष्य जुटाए हैं। मंत्री आलमगीर आलम और विभागीय इंजीनियरों के बयान में ठेकों के आवंटन में कमीशन के तौर पर मनीष रंजन की हिस्सेदारी का भी जिक्र किया गया है।
आलमगीर आलम से पूछताछ जारी
ग्रामीण विकास विभाग में 3000 करोड़ के प्रोसिड ऑफ क्राइम से जुड़े केस में ईडी ने मंत्री आलमगीर आलम से पूछताछ की। आलमगीर से टेंडर में आवंटन, डायरियों में पैसों के लेनदेन की इंट्री और कई बड़े टेंडरों में कमीशनखोरी से जुड़े सवाल पूछे गए। रिमांड समाप्त होने के बाद उन्हें फिर से तीन दिनों तक पूछताछ की कोर्ट से अनुमति मिली है।
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का हवाला देकर मांगा था वक्त
विशेष दूत के माध्यम से भेजे गए पत्र में मनीष रंजन ने कहा है कि राज्य में चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी दौरे हो रहे हैं। प्रस्तावित चुनावी दौरों में सुरक्षा व्यवस्था व प्रोटोकॉल की जिम्मेदारी उनकी है। ऐसे में उन्हें तीन हफ्ते का वक्त चाहिए। आगे उन्होंने लिखा है कि प्रधानमंत्री के धनबाद दौरे में सुरक्षा संबंधी गलतियां हुई थीं, इस मामले में भी वह रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। ईडी ने मनीष से उनके और उनके आश्रितों के बैंक खातों, चल- अचल संपत्तियों का विवरण भी मांगा था। यह जानकारी जुटाने के लिए भी मनीष ने वक्त की मांग की है।