High Court: आम नागरिक को बैंक अधिकारी बनकर लाखों रुपए की ठगी करने के आरोप में मनी लाउंड्रिंग मामले में सजायाफ्ता अंकुश कुमार मंडल की सजा को चुनौती देनेवाली क्रिमिनल अपील पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में अपीलकर्ता की ओर हस्तक्षेप याचिका(आईए) दाखिल कर जमानत का अनुरोध किया गया है। अदालत ने ईडी को जवाब दाखिल करने का तीन सप्ताह का समय दिया है। साथ ही मामले की अगली सुनवाई की तारीख 9 दिसंबर निर्धारित की गई है। गौरतलब है कि पीएमएलए रांची की अदालत ने जुलाई महीने में मनी लाउंड्रिंग मामले में दोषी पाकर 5 साल कैद की सजा सुनाई थी। साथ ही ढाई लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। मामले के अन्य आरोपी भी सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
केवाईसी अपडेट के नाम खातों से की पैसे की निकासीः
अभियुक्तों पर फर्जी पते पर सिम कार्ड लेने और बैंक अधिकारी बनकर लोगों को कॉल करके साइबर अपराध करने का आरोप है। इनलोग केवाईसी अपडेट करने के नाम पर ओटीपी पूछकर उनके खातों से पैसे निकाल लेते थे। ईडी ने साइबर अपराध के किसी मामले में पहली बार छह अगस्त 2018 को मनी लाउंड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया था। जांच पूरी करते हुए ईडी ने 27 मई 2019 को पांचों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। मामले में पांचों आरोपियों के खिलाफ 13 दिसंबर 2019 को आरोप गठित किया गया है। बता दें कि इस साइबर अपराध की कमाई से जुड़ी करीब 85 लाख रुपए की चल-अचल संपत्ति ईडी जब्त कर चुकी है। जब्त संपत्तियों में तीन मकान, चार वाहन और बैंकों में जमा पैसे शामिल थे।