रांचीः झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में मणिपाल-टाटा मेडिकल कॉलेज के मामले में सुनवाई हुई। सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
सुनवाई के दौरान यूजीसी ने कहा कि उनके रेगुलेशन में ऑफ कैंपस (राज्य से बाहर) कॉलेज खोलने को लेकर कोई विशेष प्रावधान नहीं था, लेकिन वर्ष 2021 में ऑफ कैंपस को लेकर नया प्रावधान बना दिया गया है।
नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) की अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने अदालत को बताया कि वर्ष 2019 के रेगुलेशन के तहत मणिपाल-टाटा मेडिकल कॉलेज ने जमशेदपुर में ऑफ कैंपस खोलने के लिए आवेदन दिया था।
इसे भी पढ़ेंः मणिपुर मुठभेड़ः SIT से SSP को हटाने की NHRC की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 17 मार्च को करेगा सुनवाई
कॉलेज की ओर से कई आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं पर कॉलेज में नामांकन पर रोक लगा दी गई। वहीं, मणिपाल -टाटा मेडिकल कॉलेज कहना था कि वर्ष 2020 में मणिपाल विश्वविद्यालय को उत्कृष्ट डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा मिल गया है।
ऐसे में उनपर यूजीसी की गाइडलाइन लागू नहीं होती है। अब यूजीसी ने ऑफ कैंपस के लिए नई गाइडलाइन बनाई है, तो उसके हिसाब से कॉलेज अप्रूवल लेगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मणिपाल-टाटा कॉलेज को अंतरिम राहत देते हुए छात्रों के नामांकन की छूट प्रदान करते हुए इस मामले को हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए भेजा था। इसके बाद झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही थी।