Ranchi: Good News: राज्य के अधिवक्ताओं को मिलने वाली पेंशन में बढोतरी कर दी गई है। अब सात हजार से बढ़ाकर इसे दस हजार कर दिया गया है। इस पर झारखंड स्टेट बार काउंसिल की बैठक में सहमति बन गई है। हालांकि इसके लिए एक कमेटी काउंसिल के वित्तीय भार की समीक्षा करेगी और उसे बाद इसे लागू किया जाएगा।
इस प्रक्रिया में एक माह का समय लग सकता है। बार काउंसिल के चेयरमैन राजेंद्र कृष्णा ने कहा कि इसके लिए एक सब कमेटी का गठन किया जाएगा, जो बार काउंसिल के वित्तीय प्रबंधन की समीक्षा करेगी ताकि अधिवक्ताओं को दस हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दिया जा सके। डोरंडा स्थित बार काउंसिल कार्यालय में स्टेट बार काउंसिल की आमसभा हुई।
इस बैठक में एडवोकेट क्लर्क वेलफेयर स्टांप पर भी सहमति बन गई है। दरअसल राज्य सरकार ने एडवोकेट क्लर्क वेलफेयर एक्ट बनाया है, जिसमें उनके वेलफेयर के लिए फंड जुटाने की बात कही गई है। अब कोर्ट में याचिका दाखिल करने के दौरान उक्त टिकट लगाना जरूरी होगा।
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जिससे मिलने वाली राशि उनके कल्याण पर खर्च की जाएगी। बार काउंसिल इस टिकट की प्रिंटिंग, रख-रखाव और वितरण का जिम्मेदारी संभालेगी। फिलहाल काउंसिल की ओर से इसके प्रिंटिंग के लिए नासिक प्रिंटिंग प्रेस को पत्र भेजा गया है। इसमें प्रक्रिया में देरी होने की संभावना को देखते हुए कुछ समय के लिए स्थानीय स्तर प्रिंट करने पर भी सहमति बनी है।
इसके लिए एक सब कमेटी का गठन किया गया है ताकि सभी स्थितियों की समीक्षा करने के बाद इसे दो-तीन दिनों में लागू कर दिया जाए।चेयरमैन राजेंद्र कृष्णा ने बताया कि बार काउंसिल से सभी सदस्य इस बात पर सहमत हो गए हैं कि वकालतनामा फीस का केंद्रीयकरण किया जाए।
अब स्टेट बार काउंसिल की ओर से वकालतनामा जारी होगा। प्रत्येक वकालतनामा पर वेलफेयर स्टांप चिपकाना अनिवार्य कर दिया गया है। स्टांप नहीं चिपकाने पर वकील एवं नोटरी पब्लिक पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। दोषी पाने पर लाइसेंस भी रद किया जा सकता है।
चेयरमैन को सब-कमेटी गठन करने का अधिकार दिया गया है, जो इसकी प्रक्रिया कैसे होगी, इसका निर्धारण करेगी।अब तक वकालतनामा की फीस का मूल्य अलग-अलग है। लेकिन इसमें एकरूपता लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि कमेटी सभी जिला बार संघों के साथ इसपर सहमति बनाने के लिए बैठक करेगी। वकालतनामा से मिलने वाली राशि काकुछ हिस्सा बार काउंसिल को मिलेगा।