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FSL Recruitment: राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में शपथपत्र दाखिल कर जल्द नियुक्ति का दिया भरोसा, नियमावली ने डाला अडंगा

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Ranchi:FSL Recruitment झारखंड हाई कोर्ट के फटकार के बाद रांची एफएसएल लैब में रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही गई है। लेकिन नियमावली में संशोधन के कारण इस प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो रही है। पिछले दिनों सरकार की ओर से हाई कोर्ट में शपथपत्र देकर आश्वस्त किया है कि शीघ्र ही विधि विज्ञान प्रयोगशाला को और सशक्त बनाया जाएगा।

वैज्ञानिक सहायकों की नियुक्ति में हाल में सरकार के स्तर से किए गए बदलावों को शामिल करते हुए नियमावली तैयार की जानी है जिसके बाद बहाली की प्रक्रिया शुरू होगी। झारखंड में कई प्रकार की नौकरियों के लिए नियुक्ति नियमावली के कारण ही अड़ंगा लगता रहा है।

अभी भी नियमावली तैयार नहीं होने के कारण कई विभागों में प्रक्रिया बाधित है। राज्य सरकार लगभग 150 प्रकार की नियमावली के आधार पर विभिन्न कार्यालयों में कर्मियों को बहाल करती है और वर्तमान में इनमें से 70 के करीब नियमावली को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।

राज्य सरकार ने कुछ दिनों पूर्व निचले स्तर पर वैसे लोगों की नियुक्ति करने का निर्णय लिया था जिन्हें कम से कम स्थानीय भाषा की जानकारी हो। इस निर्णय को अमलीजामा पहनाने के लिए तमाम विभागों को नियुक्ति नियमावली में संशोधन करना होगा।

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इसके पूर्व भी आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगों को 10 फीसद आरक्षण देने संबंधी प्रविधान को सभी नियमावलियों में समाहित नहीं किया जा सका है। ऐसा नहीं होने पर नियुक्ति प्रक्रिया बाधित होती है। इसके पीछे मूल रूप से वे सरकारी अधिकारी दोषी हैं जो समय पर अपने काम को पूरा नहीं करते हैं।

पूरे विभाग को कहीं दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने समय रहते ही सभी विभागों को आवश्यकता के अनुरूप नियमावली को संशोधित करते हुए अंतिम प्रारूप तैयार कर लेने का निर्देश दिया था।

इस आदेश को नजरअंदाज कर कई विभागों ने इस पर काम भी शुरू नहीं किया है और ऐसे में उन कर्मियों अथवा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए जो सीधे तौर पर दोषी हों। ऐसा होने से अन्य अधिकारी भी सतर्कता बरतेंगे और नियुक्ति की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ेगी।

केवल विधि प्रयोगशाला की नहीं है, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि विभागों में बड़े पैमाने पर रिक्तियां हैं जिन्हें भरने का प्रयास किया जाएगा। राज्य में कई प्रकार की नौकरियों के लिए नियुक्ति नियमावली के कारण अड़ंगा लगता रहा है। लिहाजा नियमावली तैयार न होने के कारण कई विभागों में प्रक्रिया बाधित है।

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Devesh Ananad

देवेश आनंद को पत्रकारिता जगत का 15 सालों का अनुभव है। इन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में काम किया है। अब वह इस वेबसाइट से जुड़े हैं।

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